18.5 करोड़ की डील के दिन ट्रस्ट ने 8 करोड़ में खरीदी थी एक और ज़मीन, राम मंदिर ज़मीन घोटाले में एक और खुलासा

राम मंदिर ज़मीन घोटाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिस दिन ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से ज़मीन खरीदी थी, उसी दिन हरीश पाठक और कुसुम पाठक से 8 करोड़ में ट्रस्ट ने ज़मीन का दूसरा टुकड़ा खरीदा था

Updated: Jun 17, 2021, 06:51 AM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
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नई दिल्ली/लखनऊ। राम मंदिर ज़मीन घोटाले में सामने आया विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में एक के बाद एक खुलासे होने शुरू हो गए हैं। नए खुलासे के मुताबिक जिस दिन ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ की डील की थी उसी दिन ट्रस्ट ने ज़मीन का एक अन्य टुकड़ा आठ करोड़ रुपए में खरीदा था। 

ट्रस्ट ने ज़मीन का यह टुकड़ा हरीश पाठक और कुसुम पाठक से खरीदा था। इससे पहले ट्रस्ट ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से 18.5 करोड़ में ज़मीन खरीदी थी। लेकिन 18 मार्च को ही इसी ज़मीन का एक अन्य हिस्सा ट्रस्ट ने सीधे कुसुम पाठक और हरीश पाठक से खरीदा। इसके साथ ही 11 मई को इसी टुकड़े की 695 स्क्वेयर मीटर की ज़मीन कौशल्या भवन के यशोदा नंदन त्रिपाठी और कौशल किशोर त्रिपाठी ने मुफ्त में ही ट्रस्ट के हवाले कर दी। 

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सर्किल रेट से तीन गुना दाम पर खरीदी गई ज़मीन

राम मंदिर ज़मीन घोटाले में अब तक ट्रस्ट के सचिव और अन्य बचाव करने वाले लोगों का यही कहना था कि ज़मीन को मार्केट रेट से कम कीमत पर ही खरीदा गया है। लेकिन अब इस मामले में नया खुलासा यह हुआ है कि ज़मीन की असली कीमत पांच करोड़ 80 लाख थी। और इसे सर्किल रेट से तीन गुना अधिक की कीमत पर खरीदा गया। 

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राजस्व विभाग के एक आला अधिकारी ने एक हिंदी न्यूज़ चैनल को बताया है कि नियमों के मुताबिक सरकार जब ज़मीन को अधिग्रहित करती है तो शहरों में सर्किल रेट के दो गुना और ग्रामीण क्षेत्रों में सर्किल रेट से अधिकतम चार गुना तक मुआवजा दिया जाता है। इस लिहाज से ट्रस्ट ने को ज़मीन खरीदी है वो सर्किल रेट से तीन गुना अधिक भुगतान कर खरीदा है। 

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इस पूरे मामले में एक बार फिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय की मंशा सवालों के घेरे में आ गई है। ट्रस्ट के हिस्सा खुद कमलनयन दास चंपत राय पर मनमाने ढंग से कोई भी फैसला लेने का आरोप लगा चुके हैं। वहीं स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी राम मंदिर के लिए एकत्रित किए गए चंदे का कच्चा चिट्ठा देश की जनता के सामने रखे जाने की मांग की है। कांग्रेस पार्टी ने भी राम मंदिर ज़मीन घोटाले के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की हुई है।