राम मंदिर ज़मीन घोटाले में शंकराचार्य ने की टिप्पणी, कहा, चंदे का पैसा केवल दो चार लोगों के ही हवाले कैसे कर दिया गया

ज्योतिष एवं द्वारकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर से जुड़े ज़मीन घोटाले को अफसोसजनक करार दिया है, शंकराचार्य ने कहा है कि जनता के पैसे से राम मंदिर के चंदे का पूरा कच्चा चिट्ठा श्वेत पत्र के माध्यम से सामने रखा जाना चाहिए

Updated: Jun 16, 2021, 06:40 AM IST

Photo Courtesy: Punjab Kesari
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नरसिंहपुर। राम मंदिर ज़मीन घोटाले का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे विवाद पर ज्योतिष एवं द्वारकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि आखिर जनता का पैसा केवल दो चार लोगों के हवाले कैसे कर दिया गया? स्वरूपानंद सरस्वती ने मंदिर के लिए एकत्रित किए गए चंदे का सारा कच्चा चिट्ठा जनता के सामने रखने की मांग की है। 

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प्राचीन धार्मिक क्षेत्र में मिलावट चिंताजनक 

स्वरूपानंद सरस्वती ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मंदिर के लिए कितना कितना चंदा एकत्रित किया गया? मंदिर के लिए कितनी ज़मीन लगेगी? ज़मीन खरीदी की कितनी दर होगी? इन सभी चीजों को श्वेतपत्र के माध्यम से जनता के सामने रखा ही जाना चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि प्राचीन धार्मिक क्षेत्र में जो मिलावट की जा रही है, वो बेहद ही चिंताजनक है।

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न्यासियों की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है 

स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के समय में रामालय न्यास का गठन किया गया था। उसे अकारण ही हटाकर नया तीर्थ ट्रस्ट क्यों बनाया गया? शंकराचार्य ने पूछा कि रामालय न्यास में क्या गड़बड़ी थी? या फिर नए न्यास में क्या गुणवत्ता है? स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर शिलान्यास के मुहूर्त पर भी सवाल उठाया। शंकराचार्य ने कहा कि राम मंदिर का शिलान्यास ही गलत मुहूर्त में किया गया। जिस वजह से न्यासियों की बुद्धि भ्रष्ट हो रही है। शंकराचार्य ने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय को गैर ज़िम्मेदार बताया है। शंकराचार्य ने कहा है कि ऐसे लोगों को तत्काल ही ट्रस्ट से हटा देना चाहिए।