फैज की नज़्म हम देखेंगे का पाठ करना पड़ा भारी, आयोजकों और वक्ताओं पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज

शिकायतकर्ता ने कहा है कि ऐसे समय में जब देश ने पाकिस्तानी सेना के साथ बहादुरी से लड़ाई लड़ी, नागपुर में कट्टरपंथी वामपंथी पाकिस्तानी कवि फैज़ अहमद फैज़ की कविता गाने में व्यस्त थे।

Updated: May 19, 2025, 10:25 PM IST

नागपुर। महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित एक स्मृति सभा में फैज़ अहमद फैज़ की प्रसिद्ध कविता 'हम देखेंगे' का पाठ करने पर आयोजकों और वक्ता के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। यह कार्यक्रम अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता वीरा साथीदार की स्मृति में 13 मई को विदर्भ साहित्य संघ में आयोजित किया गया था, जिसमें 150 से अधिक लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम में मुंबई स्थित सांस्कृतिक समूह 'समता कला मंच' के युवा कलाकारों ने 'हम देखेंगे' कविता का पाठ किया। इसके साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता उत्तम जगिरदार ने महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक, 2024 की आलोचना की, जिसे भाजपा नेतृत्व वाली राज्य सरकार लागू करने की कोशिश कर रही है।

स्थानीय निवासी दत्तात्रय शिर्के द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर नागपुर पुलिस ने आयोजकों और वक्ता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 (देशद्रोह), धारा 196 (समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना) और धारा 353 (सार्वजनिक उपद्रव को बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया है। 

शिकायत में दावा किया गया कि कविता की पंक्ति "सब तख़्त गिराए जाएंगे" सरकार के लिए सीधा खतरा है। हालांकि शिकायती पत्र में इस पंक्ति को गलत रूप में "तख़्त हिलाने की ज़रूरत है" बताया गया है। अपनी शिकायत में शिर्के ने कहा है कि ऐसे समय में जब देश ने पाकिस्तानी सेना के साथ बहादुरी से लड़ाई लड़ी, नागपुर में कट्टरपंथी वामपंथी पाकिस्तानी कवि फैज़ अहमद फैज़ की कविता गाने में व्यस्त थे।

वीरा साथीदार, जो एक प्रमुख अभिनेता, लेखक, पत्रकार और राजनीतिक विचारक थे, का अप्रैल 2021 में COVID-19 के कारण निधन हो गया था। उनकी पत्नी पुष्पा साथीदार हर साल उनकी स्मृति में यह कार्यक्रम आयोजित करती हैं। इस वर्ष का आयोजन विवादों में घिर गया है, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति के अधिकार पर नए सिरे से बहस छिड़ गई है।