जन प्रतिनिधित्व कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती, इसी कानून के तहत खत्म हुई है राहुल गांधी की सदस्यता

केरल की सामाजिक कार्यकर्ता आभा मुरलीधरन ने याचिका में कहा है कि संविधान की धारा 8 (3) का राजनीतिक दल गलत इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे। ये राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग की जा रही।

Updated: Mar 25, 2023, 12:34 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसद सदस्यता खत्म होने को लेकर मचा हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है और जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) को चुनौती दी गई है। दरअसल, इसी कानून के प्रावधान के तहत राहुल गांधी की सदस्यता खत्म हुई है।

केरल की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता आभा मुरलीधरन ने राहुल गांधी के मामले का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है। याचिका में उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) को असंवैधानिक करार देने की मांग की है। याचिका में मुरलीधरन ने कहा कि कहा कि संविधान की धारा 8 (3) का राजनीतिक दल गलत इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे। ये राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग की जा रही। ये हमारे चुनावी प्रक्रिया में अशांति पैदा कर सकती है।

यह भी पढ़ें: सवाल राहुल गांधी का नहीं, हिंदुस्तान की आजादी का है

उन्होंने सर्वोच्च अदालत से कहा, 'लिली थॉमस मामले में आए फैसले का राजनीतिक दलों में व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए खुले तौर पर दुरुपयोग किया जा रहा है। यह धारा राजनीतिक हित के लिए देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर सीधे हमला कर रही है। ऐसे में जब भी किसी को दो साल की सजा हो तो उसकी सदस्यता तुरंत ना खत्म की जाए, बल्कि उसके अपराध की प्रवृत्ति, भूमिका आदि को देखकर इस पर फैसला लिया जाए।'

बता दें कि सूरत की जिला अदालत ने मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया है और उनको 2 साल की सजा सुनाई है। हालांकि राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत मिल गई लेकिन उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई। अब इस कानून पर भी सवाल उठने लगे हैं।