किसान आज करेंगे दिल्ली कूच हाईड्रोलिक क्रेन से बैरिकेड तोड़ने की तैयारी, शंभू बॉर्डर पर तनाव का माहौल

हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं। सरकार बैरिकेड हटाकर हमें जाने दे... नहीं तो हमारी बात पूरी करें मांगें। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल

Updated: Feb 21, 2024, 09:32 AM IST

नई दिल्ली। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसान आज दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली जाने का ऐलान किया है। किसानों के इस ऐलान के बाद शंभू बॉर्डर पर तनाव का माहौल है। किसानों के तेवर देखते हुए दिल्ली व आसपास के इलाकों में चप्पे चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

किसानों का मुख्य काफिला पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से रवाना होगा। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर से भी किसान हरियाणा में घुसेंगे। यहां से वे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में दिल्ली की तरफ जाएंगे। किसानों को रोकने के लिए शंभू बार्डर पर घग्गर नदी के ऊपर बने पुल पर सीमेंट के गर्डर और कंटीले तारों से बैरिकेडिंग की गई है। इसे तोड़ने के लिए किसान JCB, हाईड्रोलिक क्रेन और बुलेट प्रूफ पोकलेन मशीन भी साथ लाए हैं।

बताया जा रहा है कि शंभू बॉर्डर पर करीब 1200 और खनौरी बॉर्डर पर 800 ट्रैक्टर खड़े हैं। आज इनकी संख्या बढ़ सकती है। आंदोलन का आज 9वां दिन है। आठ दिन से जारी किसान आंदोलन में अलग-अलग वजह से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 2 किसान और 2 पुलिस सब इंस्पेक्टर हैं।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार न करें। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें।' उन्होंने कहा कि देश ऐसी सरकार को माफ नहीं करेगा...हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं...हमने क्या अपराध किया है?...हमने आपको प्रधानमंत्री बनाया है। हमने कभी नहीं सोचा था कि सेनाएं हम पर इस तरह से अत्याचार करेंगी...कृपया संविधान की रक्षा करें और हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दें। यह हमारा अधिकार है।

वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, 'हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है। ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं। सरकार बैरिकेड हटाकर हमें जाने दे... नहीं तो हमारी बात पूरी करें मांगें... हम शांतिप्रिय हैं। अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे। हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं।'