शरद पवार ने बुलाई विपक्षी दलों की बैठक, निष्पक्ष चुनाव की मांग को लेकर आम राय बनाने की कवायद

कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी समेत अधिकांश विपक्षी दल ईवीएम और आरवीएम की कार्यपद्धति पर जाहिर कर चुके हैं शंका, शरद पवार ने निष्पक्ष चुनाव की मांग को लेकर बुलाई विपक्षी नेताओं की अहम बैठक

Updated: Mar 23, 2023, 08:15 AM IST

नई दिल्ली। देश में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर बहस तेज हो गई है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने गुरुवार शाम विपक्षी नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक को लोकसभा चुनाव से पहले स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के बीच आम राय बनाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार शाम 6 बजे यह बैठक बुलाई है। उन्होंने देश के तमाम विपक्षी दलों को इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। कांग्रेस की ओर से EVM को लेकर बनाई गई कमेटी को लीड कर रहे दिग्विजय सिंह भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे। साथ ही डेढ़ दर्जन से अधिक विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय चुनाव आयोग ने रिमोट वोटिंग सिस्टम का डेमो दिखाया था। प्रवासी मतदाताओं के लिए आरवीएम प्रोटोटाइप के डेमो के लिए आयोग ने 65 राजनीतिक दलों (8 राष्ट्रीय और 57 क्षेत्रीय) के प्रतिनिधियों को बुलाया था। हालांकि, कांग्रेस समेत अन्य दलों ने ये कहकर डेमो देखने से इनकार कर दिया कि RVM को लेकर आयोग के पास सैद्धांतिक स्पष्टता नहीं है। 

कांग्रेस की तरफ से ईवीएम को लेकर बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता कर रहे दिग्विजय सिंह यह कहकर बैठक से निकल गए थे कि खुद चुनाव आयोग स्पष्ट नहीं है कि प्रवासी मतदाता किसे माना जाए और देश में प्रवासी मतदाताओं की जनसंख्या कितनी है। सिंह के साथ अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने भी वॉकआउट किया था। उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जब बैंकों का सर्वर हैक हो सकता है, पैसे निकाले जा सकते हैं तो यह ईवीएम क्या चीज है?

ईवीएम और आरवीएम के मुद्दे पर आम राय बनाने के लिए दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में समान विचारधारा वाले 16 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि जनवरी महीने में बैठक कर चुके हैं। इस दौरान शरद पावर सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को सटीक होना चाहिए और उनकी प्रभावकारिता पर किसी भी संदेह को मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा संबोधित किया जाना चाहिए। बहरहाल, अब देखना यह होगा कि शरद पवार के घर आयोजित इस बैठक से क्या कुछ निकलकर सामने आता है।