पुलिस प्रताड़ना पर उत्तर देते हुए विधानसभा में रो पड़े मंत्री नरेंद्र पटेल, बेटे के साथ हुआ दुर्व्यवहार याद आया
सदन में चर्चा के दौरान मंत्री को खुद के बेटे के साथ पुलिस दुर्व्यवहार की बात याद आ गई। इसका उन्होंने जिक्र भी किया। पिछले दिनों भोपाल में उनके पुत्र के साथ भी पुलिस ने दुर्व्यवहार किया था। वह स्वयं रात को थाने में पहुंचे थे।

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र में खूब हंगामा हो रहा है। पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर जारी है। हालांकि, सदन की कार्यवाही के दौरान उस समय सन्नाटा छा गया, जब पुलिस प्रताड़ना से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मोहन सरकार के राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल रो दिए। भावुक पटेल पहले तो उत्तर ही नहीं दे पाए, कुछ देर बाद संभले और जवाब दिया।
प्रश्न रीवा जिले के सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा और उनके पुत्र विभूति नयन मिश्रा के ऊपर फर्जी प्रकरण बनाने को लेकर था। प्रश्न पूछते-पूछते भावुक मिश्रा ने यहां तक कह दिया कि मेरा बेटा आत्महत्या कर लेगा। हमारी क्या औकात है। कांग्रेस के सभी सदस्यों ने मिश्रा का समर्थन करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
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सेमरिया से विधायक अभय मिश्रा ने हाथ जोड़कर मंत्री से कहा, 'मैं आपके चरणों में गिरता हूं। कृपया न्याय करें और विधायकों की गरिमा बचाएं। आप हमें क्यों अपमानित कर रहे हैं?' सदस्यों की भावना को ध्यान में रखते हुए अंतत: सदन में मंत्री ने संबंधित थाना प्रभारी अवनीश पांडेय को निलंबित करने और उच्च स्तरीय जांच कराने की घोषणा की।
इस दौरान मंत्री पटेल को रोता देख स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'मंत्री जी, इतने भावुक मत होइए। धैर्य से जवाब दीजिए।' सदन में चर्चा के दौरान मंत्री को खुद के बेटे के साथ पुलिस दुर्व्यवहार की बात याद आ गई। इसका उन्होंने जिक्र भी किया। पिछले दिनों भोपाल में उनके पुत्र के साथ भी पुलिस ने दुर्व्यवहार किया था। वह स्वयं रात को थाने में पहुंचे थे। लेकिन मंत्री रहते हुए भी बेटे के खिलाफ FIR नहीं रुकवा पाए थे।
दरअसल, अभय मिश्रा और उनके बेटे विभूति नारायण मिश्रा के खिलाफ 16 दिसंबर, 2022 को सेमरिया के चोरहटा पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था। उनका आरोप है कि TI (थाना प्रभारी) ने 'झूठा आपराधिक मामला' दर्ज किया और फिर उसे रद्द कर दिया। मिश्रा ने सदन को बताया, 'मेरा बेटा लंदन में रहता है। वह हमारे साथ रीवा में रहता था, लेकिन दो दशकों से त्योहारों के लिए भी घर नहीं आया है, क्योंकि उसे झूठे मामलों में फंसाए जाने का डर है।