जरा भी नैतिकता है तो शिंदे-फडणवीस इस्तीफा दें, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस तरह से मैंने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था। उसी प्रकार अब एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को भी अपने अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

Updated: May 11, 2023, 02:36 PM IST

मुंबई। सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र मामले पर अहम फैसला सुनाते हुए राज्यपाल, स्पीकर तथा व्हिप के फैसले को गलत ठहराया। इस फैसले के बाद पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया उन्होंने ही हमारे साथ गद्दारी की। ठाकरे ने कहा कि जिस तरह से मैंने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था। उसी प्रकार अब एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को भी अपने अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'हो सकता है कि मैंने इस्तीफा देकर कानूनी रूप से गलत किया हो लेकिन मैंने दो फाड़ होने के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया। अगर इस्तीफा नहीं देता तो गद्दार लोगों के साथ कैसे सरकार चलाता। जिन लोगों को मेरे पिताजी, पार्टी ने सबकुछ दिया, और और ऐसे गद्दार लोग मेरे खिलाफ अविश्वास लाएं कैसे विश्वास करूं। इस मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री में अगर जरा सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। लड़ाई तो आज से शुरू हुई है।'

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि, 'इस देश में प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। आज सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है कि सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाने वाले गद्दार लोगों का असली चेहरा सुप्रीम कोर्ट सामने लाया है। किस तरह स्पीकर और राज्यपाल की भूमिका गलत थी वो कोर्ट ने बताया। कोर्ट ने राज्यपाल को लेकर जो टिप्पणी की है वो बहुत गंभीर है. राज्यपाल को अंसेबली का सेशन बुलाने का अधिकार नहीं था ये कोर्ट ने कहा है। ये भी साफ हो गया है कि असली शिवेसना मेरी ही रहेगी।'

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उद्धव ठाकरे के साथ थे। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव विपक्ष को एकजुट करने के लिए देशभर में दौरे कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में कहा, 'लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश में जो लोग हैं उनके खिलाफ हम सभी लोग एक साथ आ रहे हैं, और इसी के तहत आज नीतीश और तेजस्वी यहां आए हैं। हम मिलकर इनके खिलाफ लड़ेंगे जो अपने देश को फिर से गुलाम बनाना चाहते हैं, उन्हें घर भेजेंगे, मुझे पक्का भरोसा है कि पूरी जनता हमारा इंतजार कर रही है।'

बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों की सदस्यता का मामला बड़ी बेंच को भेज दिया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल और स्पीकर की भूमिका पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले साल 30 जून को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए गवर्नर द्वारा उस समय के सीएम उद्धव ठाकरे को बुलाना सही नहीं है।