Kanpur Encounter : 8 पुलिसवालों के एनकाउंटर की होगी SIT जांच

SIT Investigation : 31 जुलाई तक एसआईटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी

Publish: Jul 12, 2020, 07:50 AM IST

आठ पुलिकर्मियों की हत्या वाले कानपुर एनकाउंटर मामले में अब एसआईटी जांच होगी। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यह जानकारी दी है। एसआईटी टीम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी करेंगे। इस जांच में कुख्यात अपराधी विकास दुबे का पूरा आपराधिक इतिहास खंगाला जाएगा। इसके साथ यह जांच भी की जाएगी कि कौन-कौन लोग उसकी मदद करते थे। उसकी करोड़ों की संपत्ति की भी जांच की जाएगी। हालांकि, ईडी ने इस ओर पहले ही काम शुरू कर दिया है।

इस एसआईटी में राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को नामित किया गया है। आदेश में कहा गया है कि एसआईटी प्रकरण के सभी पहलुओं की जांच करेगी और 31, जुलाई 2020 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।  

किन-किन पहलुओं की होगी जांच

विकास दुबे के खिलाफ जितने भी मामले हैं, उनमें अब तक क्या कार्यवाही हुई। जो कार्यवाही की गई क्या वो विकास दुबे और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त थी? हिस्ट्रीशीटर की जमानत रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए?

विकास दुबे के खिलाफ आम लोगों की कितनी शिकायतें आईं और उनके ऊपर चौबेपुर थाने की तरफ से क्या कदम उठाए गए। विकास दुबे और उसके साथियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत क्या कार्यवाही की गई। अगर लापरवाही की गई तो किस स्तर की लापरवाही की गई?

एसआईटी विकास दुबे के संपर्क में आए पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच की अनुशंसा करेगी। घटना वाले दिन विकास दुबे के पास उपलब्ध हथियारों की जानकारी क्यों नहीं थी?

इतने मामले दर्ज होने के बाद भी विकास दुबे और उसके साथियों के शस्त्र लाइसेंस का बार-बार नवीनीकरण कैसे होता रहा।

क्या विकास दुबे ने सरकारी और गैर सरकारी जमीन पर कब्जा किया? यदि हां, तो इसमें किस स्तर के अधिकारियों ने उसकी मदद की। जिन अधिकारियों की यह जिम्मेदारी थी कि वे अवैध कब्जा हटवाएं, उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।

विकास दुबे, उसके साथियों और उनके फाइनेंसर की संपत्तियों की जांच की जाए।