सॉलिसिटर जनरल का भी स्वरा भास्कर के विरुद्ध याचिका से इनकार
Solicitor General of India: सॉलिसीटर जनरल ने तुषार मेहता कहा कि याचिका पर सहमति न देने की वजह बता चुके हैं एटॉर्नी जनरल
नई दिल्ली। एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के बाद अब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाल ही में याचिकाकर्ता ऊषा शेट्टी से द्वारा बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ बयान को लेकर अदालत की अवमानना करने के तहत मुकदमा चलाने की मांग की थी। इसे एटॉर्नी जनरल के बाद सॉलिसिटर जनरल ने भी खारिज कर दिया है।
याचिकाकर्ता ऊषा शेट्टी ने 1 फरवरी 2020 को एक पैनल में चर्चा के दौरान स्वरा भास्कर के उस बयान के खिलाफ अदालत की अवमानना के तहत मुकदमा चलाने की मांग की थी जिसमें स्वरा भास्कर ने शीर्ष अदलात द्वारा राम मंदिर के फैसले की आलोचना की थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उषा शेट्टी के पक्षकार अनुज सक्सेना के मेल का जवाब देते हुए कहा है कि जब एटॉर्नी जनरल पहले ही इस याचिका को खारिज कर चुके हैं, ऐसी स्थिति में उनके ( तुषार मेहता ) विचार का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।
इससे पहले केके वेणुगोपाल ने याचिका की मांग को खारिज करते हुए कहा था कि स्वरा भास्कर द्वारा दिया गया बयान अदालत की अवमानना के बनिस्बत तथ्यात्मक प्रतीत होता है, ऐसे में अभिनेत्री के बयान को अदालत की अवमानना नहीं माना जा सकता।
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क्या कहा था स्वरा ने?
बॉलीवुड अभिनेत्री ने पैनल चर्चा के दौरान कहा था कि, 'हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हमारी अदालतें सुनिश्चित नहीं हैं कि वे संविधान में विश्वास करती हैं या नहीं। हम ऐसे देश में रह रहे हैं जहां सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस गैरकानूनी था और फिर उसी फैसले ने उन्हीं लोगों को पुरस्कृत किया, जिन्होंने मस्जिद को गिराया था।'अभिनेत्री स्वरा भास्कर केंद्र सरकार के फैसलों के खिलाफ लगातार मुखर रही हैं। उन्होंने सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर देशभर में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों में भी हिस्सा लिया था।