सोनिया गांधी ने संसद में उठाया महिला विरोधी प्रश्नपत्र का मुद्दा, सरकार और CBSE बोर्ड से की माफी की मांग
सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा कि सीबीएसई की 10वीं के अंग्रेजी पेपर का यह गद्यांश पूर्ण रूप से महिला विरोधी है, जिसमें सवाल के रूप में लिखा गया है कि 'स्त्री की आत्मनिर्भरता ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को कम किया है'... विवादित प्रश्नपत्र को तत्काल वापस लेने की मांग के अलावा उन्होंने पाठ्यक्रम में लैंगिक समानता के मानकों की भी समीक्षा करने की माँग की है

नई दिल्ली। सीबीएसई की दसवीं कक्षा के अंग्रेजी विषय के प्रश्नपत्र पर बवाल मच गया है। अंग्रेजी के प्रश्नपत्र में मौजूद महिला विरोधी पैसेज का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद में उठाया है। सोनिया गांधी ने विवादित पैसेज को सदन में पढ़ते हुए सरकार से इस संबंध में माफी की मांग की है। साथ ही उन्होंने विवादित प्रश्नपत्र को तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाने की मांग भी की है।
सोनिया गांधी ने सोमवार को लोकसभा में शून्य काल के दौरान प्रश्नपत्र में दिए गए पैसेज को पढ़ते हुए इसे सशक्त तथा प्रगतिशील समाज के खिलाफ बताया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नपत्र का यह पैसेज शिक्षा के मानकों और परीक्षण के खराब स्तर की गवाही दे रहा है।
सोनिया गांधी ने पैसेज के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें लिखा है, 'अनेक तरह की सामाजिक और पारिवारिक समस्या का सबसे प्रमुख कारण महिलाओं को दी गयी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता है।' इसके साथ ही पैसेज में लिखा हुआ है कि 'चूंकि पत्नियां अपने पतियों की बात नहीं सुनती इसलिए बच्चे और नौकर अनुशासनहीन होते हैं।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने विवादित पैसेज को लेकर अपना विरोध जताते हुए कहा कि पूरे गद्यांश में इसी तरह की सोच दर्शाई गई है। वहीं पैसेज में पूछे गए प्रश्न और भी निंदनीय और संवेदनहीन हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि इस प्रश्न पत्र को वापस लिए जाने के साथ साथ इसकी समीक्षा की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा न हो पाए। वहीं उन्होंने शिक्षा मंत्रालय के पाठ्यक्रम को लैंगिक समानता के आधार पर समीक्षा करने की भी मांग की।
Unbelievable! Are we really teaching children this drivel?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 13, 2021
Clearly the BJP Government endorses these retrograde views on women, why else would they feature in the CBSE curriculum? @cbseindia29 @narendramodi?? pic.twitter.com/5NZyPUzWxz
सोनिया गांधी के अलावा प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने भी अंग्रेजी के इस विवादित पैसेज पर आपत्ति जताई है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर प्रश्न पत्र को साझा करते हुए कहा कि अविश्वसनीय, हम ये बच्चों को क्या पढ़ा रहे हैं? प्रियंका गांधी ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि बीजेपी महिलाओं को लेकर इस मानसिकता का समर्थन करती है, अन्यथा इसे सीबीएसई के पाठ्यक्रम में क्यों शामिल किया जाता?
वहीं राहुल गांधी ने भी अंग्रेजी के प्रश्न पत्र पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आरएसएस और बीजेपी युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने पर तुली हुई है। कांग्रेस नेता ने बच्चों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सफलता कड़ी मेहनत से मिलती है, कट्टरता से नहीं।