मज़बूत लोकतंत्र के लिए प्रेस का स्वतंत्र होना ज़रूरी, राज्य नहीं लगा सकता अनावश्यक पाबंदी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी मीडिया वन चैनल की याचिका पर सुनवाई के दौरान की, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया वन चैनल के लाइसेंस को रद्द कर दिया था

Updated: Apr 05, 2023, 12:10 PM IST

नई दिल्ली। प्रेस पर लगाई जा रही पाबंदियों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने देश में एक मज़बूत प्रेस की आवश्यकता को लेकर अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रेस का स्वतंत्र होना आवश्यक है और राज्य प्रेस पर अनावश्यक प्रतिबंध नहीं लगा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी मीडिया वन चैनल की याचिका की सुनवाई के दौरान की है। मीडिया वन ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मीडिया संस्थान के लाइसेंस रद्द किए जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसकी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय की कार्रवाई को लेकर सख्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय के इस आदेश को प्रेस की संवत्रता को सीमित किए जाने से जोड़ दिया। 

मीडिया वन के लाइसेंस को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रद्द कर दिया था। जिसके बाद मीडिया संस्थान ने केरल हाई कोर्ट का रुख किया था। हालांकि केरल हाई कोर्ट ने मीडिया संस्थान की याचिका को खारिज करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आदेश को बरकरार रखा था। जिसके बाद मीडिया संस्थान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। 

इस याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रेस के पास सत्ता के सामने सच बोलने का अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मीडिया वन का लाइसेंस रद्द किए जाने पर अंतिम रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को चार हफ्तों के भीतर चैनल को नवीनीकरण लाइसेंस जारी करने का आदेश दिया है।