मुख्य न्यायाधीश को निशाना बनाना संविधान पर हमला, CJI पर हमले की सोनिया गांधी ने की निंदा
भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर उच्चतम न्यायालय में हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। यह न केवल उन पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है: सोनिया गांधी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक वकील ने सीजेआई बीआर गवई पर हमला करने की कोशिश की। यह घटना उस समय हुई, जब सीजेआई की बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर उच्चतम न्यायालय परिसर में हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे संविधान पर हमला करार दिया है।
सोनिया गांधी ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि भारत के माननीय चीफ जस्टिस पर सुप्रीम कोर्ट के भीतर हुआ हमला शब्दों से परे निंदनीय है। यह केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान और कानून के शासन पर सीधा आघात है। चीफ जस्टिस गवई ने इस स्थिति में अत्यंत संयम और गरिमा दिखाई है, लेकिन राष्ट्र को एकजुट होकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए।
वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता व सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चेयरमैन रहे कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार के एक सदस्य के असभ्य व्यवहार की सभी को सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए क्योंकि यह अदालत की महिमा का अपमान है। इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री शाह और कानून मंत्री की चुप्पी आश्चर्यजनक है।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने आरोपी वकील राकेश किशोर कुमार का लायसेंस रद्द कर दिया है। उसका रजिस्ट्रेशन 2011 का है। इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी आरोपी को तुरंत निलंबित कर दिया। बीसीआई चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने ये आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि यह वकीलों के आचरण नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के दौरान किशोर कहीं भी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। 15 दिनों में शो कॉज नोटिस भी जारी किया जाएगा।
एससीबीए ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, 'ऐसा असंयमित व्यवहार पूरी तरह अनुचित है और न्यायालय और वकील समुदाय के बीच पारस्परिक सम्मान की नींव को हिलाता है। कोई भी ऐसा कार्य जो इस पवित्र बंधन को कमजोर करता है, न केवल संस्था को बल्कि हमारे राष्ट्र में न्याय के ताने-बाने को भी क्षति पहुंचाता है।'