जबतक लोग सड़कों पर नहीं उतरेंगे, जांच गंभीरता से नहीं होगी, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को लगाई फटकार

स्कूल के एक शख्स द्वारा दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न किए जाने का मामला सामने आने के बाद बदलापुर में मंगलवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। नौबत ये आन पड़ी कि बुधवार को शहर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई।

Updated: Aug 22, 2024, 02:09 PM IST

मुंबई। महाराष्‍ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटना से हर कोई गुस्से में है। इस मामले का बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। साथ ही सरकार और पुलिस प्रशासन को जमकर फटकार भी लगाई है। उच्च न्यायालय ने कहा कि क्या जनता सड़कों पद नहीं आएगी तो आप जांच को गंभीरता से नहीं लेंगे।

सरकारी वकील सराफ़ ने कहा कि कल से इस मामले में एसआईटी ने जांच शुरू की है, आरोपी को इस मामले में गिरफ़्तार कर किया गया है। जज ने पूछा कि क्या 164 के तहत बयान रिकॉर्ड किया गया है। जिस पर सराफ ने कहा कि आज किया जाएगा। इसी के साथ सुनवाई में कोर्ट के जज ने ये भी पूछा कि क्या Pocso के तहत एक्शन हुआ है या नहीं? जिसका जवाब देते हुए सराफ ने कहा कि महिला ऑफिसर की मौजूदगी में केस रजिस्टर हुआ है। जज ने कहा कि हमें इस केस में डायरी और FIR चाहिए ,क्या बच्चियों का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया गया है। जिस पर सराफ़ ने कहा कि जी स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया गया है, लेकिन 164 के तहत नहीं हुआ है। बच्चियों के घर जा कर स्टेटमेंट रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं। जज ने कहा कि पॉक्सो एक्ट अगर स्कूल को पता था और उन्होंने एक्शन नहीं लिया तो क्या उनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही हुई है?

कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि जब एसआईटी बनी और जांच सौंपी गई तो बदलापुर पुलिस ने पूरा रिकॉर्ड एसआईटी को क्यों नहीं सौंपा। सराफ ने कहा कि दूसरे पीड़ित के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि तो आप हमसे तथ्य क्यों छिपा रहे हैं? कोर्ट ने कहा कि यह बहुत गंभीर अपराध है। दो लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ, पुलिस मामले को गंभीरता से कैसे नहीं लेती। हम जानना चाहेंगे कि आप स्कूली लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? लड़कियों की सुरक्षा से कतई समझौता नहीं किया जा सकता। यह अब आम बात हो गई है। जब तक तीव्र विरोध न हो, मशीनरी काम नहीं करती। क्या आप यह कहना चाहते हैं कि जब तक लोग सड़कों पर नहीं उतरेंगे, जांच गंभीरता से नहीं होगी?

कोर्ट ने कहा कि हम यह जानकर हैरान हैं कि बदलापुर पुलिस ने दूसरी बच्ची के परिवार का बयान भी दर्ज नहीं किया था। हमने संज्ञान लिया तब पुलिस ने दूसरी बच्ची के पिता के बयान दर्ज किए, वह भी आधी रात के बाद। आप आधी रात के बाद बयान कैसे दर्ज कर सकते हैं? इतनी देरी क्यों? हाईकोर्ट ने कहा कि बच्चियों ने खुद यौन शोषण की जानकारी दी है। इसके बारे में बोलने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत है। कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस से कहा कि अगर आपने किसी भी तरह मामले को दबाने की कोशिश की, तो हम एक्शन लेने से नहीं हिचकिचाएंगे।