यूपी के उन्नाव में दो दलित बच्चियों की संदिग्ध हालात में मौत, एक की हालत गंभीर 

चारा लाने खेत में गईं थीं एक ही परिवार की तीन नाबालिग बच्चियां, पुलिस ने शुरुआती जाँच में जहर से मौत की आशंका ज़ाहिर की, परिजनों ने की सीबीआई जांच की मांग

Updated: Feb 18, 2021, 07:35 AM IST

Photo Courtesy: The Quint
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उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक दलित परिवार की दो बच्चियों की संदिग्ध हालात में मौत हो गई, जबकि तीसरी बच्ची गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती है। बताया जा रहा है कि उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव की ये तीनों बच्चियां खेत में चारा लाने गईं थीं। लेकिन काफी देर बाद वे खेत में बेसुध पड़ी मिलीं। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने दो लड़कियों को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक लड़की की हालत बेहद नाजुक है। 

उन्नाव के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने बताया कि बबुरहा गांव में एक ही परिवार की 15, 14 और 16 साल की तीन लड़कियां बुधवार को दोपहर करीब तीन बजे जानवरों के लिए चारा लेने घर से निकली थीं। देर शाम तक वापस ना आने पर परिजनों ने उनकी तलाश की तो वे तीनों गांव के बाहर खेत में मिली। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों लड़कियों को पास के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक अन्य लड़की की हालत नाजुक है। उसे गंभीर हालत में उन्नाव जिला अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे कानपुर रेफर कर दिया गया।

डॉक्टरों के मुताबिक, प्रथम दृष्टया यह मामला जहर खाने का लग रहा है। घटनास्थल पर झाग मिलने की भी जानकारी मिली है। हालांकि, परिजनों का बयान इससे भिन्न है। लड़कियों के भाई और भाभी ने बताया है कि खेत में तीनों लड़कियां एक दुपट्टे से बंधी हुई मिली हैं। फिलहाल दोनों लड़कियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा।

उधर तीसरी बच्ची जो कानपुर में भर्ती है उसकी हालत बिगड़ती जा रही है। परिजन उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स भेजने की मांग कर रहे हैं। इस घटने के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। एहतियात के तौर पर गांव के अलावा जिला अस्पताल में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। वहीं पुलिस ने 6 टीमें बनाकर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। हालांकि, परिजन मांग कर रहे हैं कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।

इसी बीच हिंदी अखबार हिंदुस्तान ने अपने एक रिपोर्ट में बताया है कि प्रशासन ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी है। वहां मीडियाकर्मियों को जाने से रोका जा रहा है। इतना ही नहीं अब पीड़ित परिवार के लोगों को मीडिया से बात तक करने नहीं दी जा रही है। हालांकि, उन्नाव पुलिस ने ट्वीट कर इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

मामले पर उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ एक बार फिर निशाने पर है। विपक्ष ने इसे गुंडाराज करार दिया है। यूपी के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि, 'उन्नाव में तीन बेटियों साथ हुई बर्बरता ने देश को हिलाकर रख दिया है। उप्र में बेटी होना अभिशाप हो गया है। एक के बाद एक जिले में बेटियों के साथ बर्बरता, उन्नाव में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति योगी सरकार के निकम्मेपन का प्रमाण है। मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।' 

वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट किया, 'कब तक चुप रहोगे? आज उन्नाव है, कल तुम्हारा जिला होगा, आज उनका गाँव है, कल तुम्हारा होगा, आज दलित बेटियाँ पेड़ों से बंधी मिल रही हैं कल तुम बंधे मिलोगे। याद रहे, मूक दर्शक बन कर बर्बादी का तमाशा देखने वालों को इतिहास कायर कहता है। डराओ, धमकाओ, मुकदमा करो, मैं बेटियों के साथ हूँ।'