पीएम मोदी से सीएम शिवराज की 90 हजार शिकायतें, देखिए सिर्फ हम समवेत पर
ऐसी अनगिनत खबरों के लिए सुनें हम समवेत की ख़ास पेशकश 'समाचार सारांश'
अब अलग अलग अखबार पढ़ने से मुक्ति। हम समवेत के 'समाचार सारांश' में सुनिए एमपी के अखबारों में छपी खबरें एक साथ। यहां आपको मिलेगी वो खबरें जो आपके लिए जानना महत्वपूर्ण हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय को एमपी में भ्रष्टाचार की शिकायतें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में सुनवाई न होने पर जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर में अर्जी लगाई है। ऐसे आवेदन दो-चार सौ नहीं बल्कि 90 हजार से अधिक हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई ये शिकायतें पुलिस की प्रताड़ना के मामलों में कार्यवाही नहीं करने, स्कूल शिक्षा, बिजली, पानी, शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों में भ्रष्टाचार, सड़क निर्माण कार्यों में गड़बड़ी, चिकित्सकों की कमी और उपचार के नाम पर मची लूट, खनिज के अवैध परिवहन, भंडारण, खनन से संबंधित है। शिकायतों का निराकरण करने के लिए डीओपीटी ने मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखा है। इसके बाद से आला अफसरों में हड़कंप है। मुख्यमंत्री के पीएस मनीष रस्तोगी ने सभी अफसरों तथा कलेक्टरों को पत्र लिखकर इन शिकायतों का निराकरण 45 दिन में करने के निर्देश दिए हैं।
सिंधिया को गढ़ में कांग्रेस को ताकत देने में जुटे दिग्विजय सिंह
प्रदेश में कांग्रेस संगठन को ताकत देने के लिए हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में संगठन को संजीवनी देने के लिए दौरा शुरू कर दिया है। श्योपुर के बाद शुक्रवार को वे ग्वालियर आए और भितरवार के लिए रवाना हो गए। वे शनिवार को बाद पीड़ितों से मुलाकात भी करेंगे। वे 15 अगस्त को जिला कांग्रेस कार्यालय शिंदे की छावनी पर ध्वजारोहण करेंगे। वे पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद कर उनमें जोश का संचार करेंगे। सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस के किसी दिग्गज नेता द्वारा इस तरह का प्रयास पहली बार दिख रहा है। अब तक ग्वालियर अंचल की कांग्रेस में सिंधिया का दबदबा रहा है लेकिन अब कांग्रेस नेता सिंह नए सिरे से पार्टी की जमीन तैयार करने में जुटे हैं। हालांकि 2020 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने डबरा और ग्वालियर पूर्व की सीट कांग्रेस से छीन ली थी।
एमपी में ओबीसी बनने की होड़
एमपी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण को ले कर जारी राजनीति के बीच अब ओबीसी की सूची और लंबी होने की संभावनाएं बन गई हैं। सिखों के साथ जांगिड़ ब्राह्मण, किराड़ पंजाबी, रामगढ़िया, तरखान जैसी कुछ जातियों ने अपने आपको ओबीसी में शामिल करने का जो आवेदन दिया था। अब वो निर्णय की स्थिति में आ जाएंगी। मप्र का पिछड़ा वर्ग आयोग तय करेगा कि इनका दावा कितना कारगर है। इस समय मप्र की ओबीसी की लिस्ट में 175 से ज्यादा जातियां शामिल हैं। यह संख्या जल्द 200 से ऊपर हो जाएगी। इधर, राज्य सरकार की ओर से दिल्ली भी एक सूची भेजी गई ताकि वो जातियां केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल हो जाएं। यह सूची 9 दिसंबर 2016 को भेजी गई थी। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से इन जातियों के बारे में पूछा कि इनके सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन के साथ सेवा के आंकड़े बताएं।