कुंभ में डुबकी लगाने के बाद संत की कोरोना से मौत, CM ने कहा था गंगा मैया नहीं होने देगी कोरोना

निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना से मौत, हरिद्वार महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद पॉजिटिव आई थी संत की रिपोर्ट, पहले संत की मौत से हड़कंप

Updated: Apr 15, 2021, 11:34 AM IST

Photo Courtesy: PTI
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हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाने वाले एक संत की कोरोना से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि निर्वाणा अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव ने देहरादून स्थित कैलाश हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। महाकुंभ में शामिल हुए संत की मौत के बाद मेले में हड़कंप मच गई है। उधर हरिद्वार आए कई दर्जन अन्य संत कोरोना संक्रमित होकर जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। हालांकि, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि कुंभ में मां गंगा की कृपा है और यहां कोरोना नहीं फैलेगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्वाणा अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव मध्यप्रदेश के चित्रकूट से हरिद्वार कुंभ नहाने आए थे। गंगा में डुबकी लगाने के बाद कपिल बीमार पड़ गए और जांच में उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें देहरादून के कैलाश हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी हालत बदतर होती गई और डॉक्टर उन्हें बचा पाने में असफल रहे। देव की मौत 13 अप्रैल को हो गई। कैलाश अस्पताल के डायरेक्टर पवन शर्मा ने भी इस बात की पुष्टि की है।

मां गंगा की कृपा से नहीं फैलेगा कोरोना- सीएम

महामंडलेश्वर की जब कोरोना से मौत हुई तब उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत अपने अजीबोगरीब बयानों से मीडिया को हेडलाइन देने में व्यस्त थे। रावत ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि किसी कीमत पर महाकुंभ में कोरोना नहीं फैल सकता। सीएम का तर्क था कि मां गंगा लोगों को कोरोना से बचाएंगी। वह कुंभ की तुलना निजामुद्दीन मरकज से किए जाने पर भी भड़क गए। रावत ने तर्क दिया कि मरकज में एक हॉल में ही कई लोग बंद थे और एक साथ सो रहे थे इसलिए कोरोना फैला। कुंभ खुला हुआ है, गंगा की धार प्रवाहित हो रही है और 90 फीसदी श्रद्धालु वापस लौट जा रहे हैं। ऐसे में यहां कोरोना फैलने की कोई संभावना नहीं है।

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अपने इस अजीबोगरीब बयान को लेकर चौतरफा निशाने पर रहे रावत संत की मौत के बाद फिर कठघरे में हैं। सोशल मीडिया पर लोग रावत से माफी मांगने के लिए कह रहे हैं। इतना ही नहीं यह भी सवाल उठ रहे हैं कि इस तरह के बयान देकर लोगों की जान संकट में डालने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। बहरहाल, कपिल देव एकलौते संत नहीं हैं जो महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उनके अलावा कई दर्जन संतो की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, वहीं कई संत कोरोना की चपेट में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।

गौरतलब है की देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के भयावह आंकड़े सामने आ रहे हैं। इस जानलेवा बीमारी ने चारों ओर दहशत फैला रखा है। देशभर के कई इलाकों में लॉकडाउन और कर्फ्यू लागू है। कई राज्यों से इस तरह की खबरें आ रही है कि शमशान में शवों को जलाने तक के लिए जगह कम पड़ गए हैं। बुधवार को 2 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं, इसके बावजूद हरिद्वार में बेखौफ तरीके से कुंभ मेले में भीड़ लग रही है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुंभ मेले में कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां न तो सख्ती से लोगों की RT-PCR जांच की जा रही है और न ही मास्क पहनने को लेकर किसी प्रकार की सतर्कता बरती जा रही है। मेला प्रशासन ने शुरुआत में दावा किया था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए बिना मास्क के आने वाले लोगों को रोका जाएगा। लेकिन ग्राउंड पर ये दावे हवा-हवाई साबित हुए।