सरकार ने नौकरीपेशा महिलाओं के लिए शुरू की वर्किंग वुमेन हॉस्टल योजना, एमपी में जबलपुर और ग्वालियर में हुई शुरुआत
केंद्र सरकार ने उन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है, जो अपने घरों से दूर रहकर नौकरी करती हैं। इस योजना का नाम 'वर्किंग वुमेन हॉस्टल' रखा गया है।
जबलपुर| केंद्र सरकार ने उन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है, जो अपने घरों से दूर रहकर नौकरी करती हैं। इस योजना का नाम 'वर्किंग वुमेन हॉस्टल' रखा गया है। इस योजना के तहत महिलाओं को किफायती दरों पर सुरक्षित और सुविधाजनक आवास प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश के जबलपुर और ग्वालियर में इस योजना की शुरुआत हो चुकी है।
जबलपुर के तेवर क्षेत्र में इस योजना के तहत 31 करोड़ रुपए की लागत से एक हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा है। यह हॉस्टल 0.84 हेक्टेयर क्षेत्र में बन रहा है, जिसमें महिलाओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। इस हॉस्टल में डाइनिंग रूम, लाइब्रेरी, वर्किंग स्पेस, जिम और गार्डन जैसी आवश्यक सुविधाएं होंगी। हॉस्टल का उद्देश्य नौकरीपेशा महिलाओं को सुरक्षित और आरामदायक माहौल उपलब्ध कराना है।
हालांकि, इस योजना को लेकर महिलाओं ने इसके स्थान चयन पर आपत्ति जताई है। हॉस्टल का निर्माण शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर तेवर क्षेत्र में किया जा रहा है, जो महिलाओं के अनुसार असुरक्षित और दूरस्थ है। महिला कर्मचारियों का कहना है कि हॉस्टल का निर्माण सुनकर खुशी हुई थी, लेकिन जब पता चला कि यह शहर से इतना दूर बनेगा, तो निराशा हुई। उन्होंने कहा है कि बाइपास क्षेत्र पर अक्सर अंधेरा रहता है और वहां रोजाना आना-जाना मुश्किल और असुरक्षित हो सकता है।
नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव ने योजना को लेकर महिलाओं की चिंताओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल के लिए तेवर क्षेत्र को इसलिए चुना गया क्योंकि यह एक आदर्श स्थान है। यहां पर बेहतर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और नगर निगम सिटी ट्रांसपोर्ट की नियमित सेवा सुनिश्चित करेगा।
'वर्किंग वुमेन हॉस्टल' योजना की शुरुआत 1972-73 में की गई थी, जिसका उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित आवास प्रदान करना है। केंद्र सरकार इसके तहत नए हॉस्टल बनाने और पुराने भवनों का विस्तार करने के लिए सहायता देती है। हरियाणा सरकार ने सबसे पहले इस योजना को लागू किया था और अब इसे पूरे देश में बढ़ावा दिया जा रहा है।
महिलाओं के लिए हॉस्टल में कई नियम और सुविधाएं निर्धारित की गई हैं। हॉस्टल में महिलाओं को रात 11 बजे तक वापस लौटना अनिवार्य होगा। उन्हें अधिकतम 3 साल तक रहने की अनुमति दी जाएगी। यह सुविधा अविवाहित महिलाओं और उन विवाहित महिलाओं के लिए है, जिनके पति किसी अन्य राज्य में नौकरी करते हैं। हॉस्टल में मादक पदार्थों, शराब और धूम्रपान पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
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जबलपुर नगर निगम ने दावा किया है कि यह हॉस्टल महिलाओं के लिए बेहद सुविधाजनक होगा। भले ही यह शहर से दूर है, लेकिन नियमित परिवहन सेवा से आने-जाने की समस्या का समाधान किया जाएगा। नगर निगम ने कहा है कि हॉस्टल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसे एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, मध्यप्रदेश के अन्य शहरों जैसे इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में भी इस योजना के तहत हॉस्टल निर्माण की योजना बनाई गई है। इन शहरों में निर्माण कार्य के लिए कुल 210 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।