इस बजट से किसे फायदा हुआ, मोदी सरकार से देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का सवाल
इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से, गरीब को नहीं, नौकरी की तलाश कर रहे युवा को नहीं, नौकरी से निकाले जाने वाले युवा को नहीं, करदाता को नहीं और गृहिणी को भी नहीं: पूर्व वित्त मंत्री

नई दिल्ली। केंद्रीय बजट को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की भी बजट पर प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा है कि इस बजट से किसे फायदा हुआ? उन्होंने कहा कि सरकार को आम लोगों की कोई परवाह नहीं है।
एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए पी चिदंबरम ने कहा, "वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी, असमानता या समानता जैसे शब्दों का जिक्र नहीं किया। बजट से पता चलता है कि सरकार लोगों की आजीविका, उनकी चिंताओं, अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के बारे में परवाह नहीं करती है।"
Who has benefited by this Budget?
— Congress (@INCIndia) February 1, 2023
Certainly, not the poor, not the unemployed youth, not the bulk of the taxpayers, not the homemaker.
The wealth being accumulated in the hands of the 1 % of the population.
Certainly, not YOU!
: Shri @PChidambaram_IN pic.twitter.com/EvsUl80sos
पूर्व वित्त मंत्री ने आगे कहा, "इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से, गरीब को नहीं, नौकरी की तलाश कर रहे युवा को नहीं, नौकरी से निकाले जाने वाले युवा को नहीं, करदाता को नहीं और गृहिणी को भी नहीं।"
ताज्जुब है कि सरकार स्कीमों में जितना खर्च करने का सोचती है, उतना खर्च नहीं कर पाती।
— Congress (@INCIndia) February 1, 2023
कृषि पर सरकार ने 83,521 करोड़ खर्च करने का सोचा, उसे संशोधित कर 76,279 करोड़ कर दिया।
PM किसान पर 68,000 करोड़ खर्च करने का अनुमान था, खर्च हुए 60,000 करोड़।@GouravVallabh जी से आंकड़े सुनिए pic.twitter.com/d11q23wYbO
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के सीनियर नेता गौरव वल्लभ ने कहा, "ताज्जुब है कि सरकार स्कीमों में जितना खर्च करने का सोचती है, उतना खर्च नहीं कर पाती। कृषि पर सरकार ने 83,521 करोड़ खर्च करने का सोचा, उसे संशोधित कर 76,279 करोड़ कर दिया। PM किसान पर 68,000 करोड़ खर्च करने का अनुमान था, खर्च हुए 60,000 करोड़। शिक्षा पर 1,04,278 हजार करोड़ रुपए खर्च करना था, लेकिन खर्च किया मात 99,881 करोड़। स्वास्थ्य पर 86,606 करोड़ की जगह 76,351 करोड़ खर्च किया।"