TCS में बड़े स्तर पर छंटनी की तैयारी, 12 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की जाएगी नौकरी
TCS की यह छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी। यानी जिन लोगों ने वर्षों तक कंपनी को अपना अनुभव दिया है, वही अब सबसे ज्यादा जोखिम में हैं।

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी TCS ने अपने कर्मचारियों के लिए एक चौंकाने वाला फैसला लिया है। कंपनी अब अगले फाइनेंशियल ईयर यानी अप्रैल 2025 से मार्च 2026 के बीच करीब 2 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है। यह आंकड़ा 12,000 से भी ज्यादा लोगों का है।
TCS के सीईओ के. कृतिवासन के मुताबिक, कंपनी तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया के लिए खुद को तैयार कर रही है। खासतौर पर AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और नए वर्क मॉडल के चलते अब काम करने के तरीके बदल रहे हैं। कंपनी का मानना है कि कुछ मौजूदा भूमिकाएं अब भविष्य के लिहाज से सही नहीं हैं।
इस छंटनी का असर मिड-लेवल और सीनियर लेवल कर्मचारियों पर ज्यादा पड़ने वाला है। TCS के मुताबिक उन्होंने कर्मचारियों को नए स्किल्स सिखाने और उन्हें नए प्रोजेक्ट्स में तैनात करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कई भूमिकाओं में यह तैनाती सफल नहीं रही।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने हाल ही में अपनी बेंच में भी बदलाव किया है। अब जो कर्मचारी 35 दिनों से ज्यादा समय तक बेंच पर रहेंगे (यानी किसी प्रोजेक्ट पर नहीं लगाए गए हैं), उन्हें तुरंत रेजिग्नेशन देने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे मामलों में तीन महीने की सैलरी के साथ उन्हें रिलीज कर दिया जा रहा है। लेकिन अगर कोई खुद से रिजाइन नहीं करता, तो कंपनी से टर्मिनेट कर दिया जाता है। ऐसे में उनको नौकरी से हटाने पर मिलने वाला वेतन भी नहीं मिलता है।