दफ्तर दरबारी: मोहन राज में लौट रही है प्रमोटी रिटायर्ड आईएएस की रंगत 

MP News: मध्‍य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के सत्‍ता संभालते ही कुछ कड़े संदेश दिए गए थे। पूर्ववर्ती मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह करीबी और ताकतवर रहे अफसरों को करीब एक माह खाली रख काफी कुछ जता दिया गया था। लेकिन अब अफसरों की रंगत लौट रही है। मोहन राज में कुछ अफसरों के हिस्‍से माखन आया है। 

Updated: Feb 25, 2024, 04:48 PM IST

मुख्‍यमंत्री मोहन यादव ने शपथ लेते ही प्रशासनिक बदलाव के माध्‍यम से सख्‍त संदेश देने की कोशिश की। शिवराज सरकार में सर्वेसर्वा रहे अफसरों को सीधे मैदान के बाहर बैठा दिया गया था। मैदानी पोस्टिंग में भी जिन अफसरों ने गलती की या जनता के साथ बुरा बर्ताव किया उन्‍हें तुरंत हटा दिया गया। प्रशासनिक जगत में बदलाव की हवा बहने लगी थी। अब माहौल फिर बदल रहा है। रिटायर्ड और प्रमोटी आईएएस अफसर फिर से ताकतवर पदों पर पहुंच रहे हैं। बीते हफ्ते मोहन यादव ने दो रिटायर्ड आईएएस अफसरों आनंद शर्मा और महेशचंद्र चौधरी को अपना ओएसडी नियुक्‍त किया। 

कई संभागों में कमिश्नर रहे महेशचंद्र चौधरी छिंदवाड़ा में कलेक्‍टर रहते हुए पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए चर्चा में आए थे। 2018 में सत्‍ता में आने के बाद कमलनाथ ने सबसे पहले महेशचंद्र चौधरी का जबलपुर संभागायुक्‍त पद से तबादला किया था। आनंद शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के ओएसडी रह चुके हैं। दोनों ओएसडी के बीच काम का बंटवारा भी हो गया है।

पूर्व आईएएस महेशचंद्र चौधरी सीधे सीएम के साथ रहेंगे। वहीं आनंद शर्मा मुख्यमंत्री के गृहनगर उज्जैन में रह 2028 में होने वाले सिंहस्थ संबंधी विकास-निर्माण योजनाओं की निगरानी करेंगे। यह पहला मौका है जब सरकार ने सिंहस्‍थ के लिए एक अलग अधिकारी नियुक्‍त किया है अन्‍यथा उज्जैन संभागायुक्त की यह दायित्व संभाला करते थे। 2001 बैच के आईएएस आनंद शर्मा धार्मिक न्यास एवं उज्जैन-ओंकारेश्वर कॉरिडोर विकसित करने संबंधी धर्मस्व विषयक कार्यों में  समन्वय का काम देखेंगे। 

इनके अलावा तीसरे प्रमोटी और रिटायर्ड आईएएस अजातशत्रु श्रीवास्‍तव के भी ताकतवर बन कर लौटने की तैयारी है। उन्‍हें मुख्‍यमंत्री का मीडिया सलाहकार बनाया जा रहा है। आनंद शर्मा की तरह अजातशत्रु भी उज्जैन कलेक्टर रह चुके हैं। उनके आने के बाद जनसंपर्क विभाग के काम में सुधार आने और मुख्‍यमंत्री की छवि चमकाने के काम में तेजी आएगी। 

मंत्री असहाय से कलेक्‍टरों के हाथ में सत्‍ता 

अफसरों की ये नियुक्तियां चर्चा में हैं तो दूसरी तरफ एक अलग ही माहौल बन रहा है जिसमें चौहान राज की झलक दिखाई देने लगी है।  मोहन यादव मुख्‍यमंत्री ने शिवराज सिंह चौहान के सिस्‍टम को बदलने के संकेत दिए थे। बीजेपी नेताओं और लगने लगा था कि शिवराज सरकार से जो शिकायतें थीं वे दूर हो जाएंगी। सारे निर्णय भोपाल से नहीं होंगे, अफसरशाही बेलगाम नहीं रहेगी। विधायकों, जनप्रतिनिधियों की अफसर सुनेंगे। लेकिन अब लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ‘एक आदेश’ ने जैसे सारे अरमानों पर पानी फेर दिया है। 

एक आदेश सरकार ने जारी किया है और एक आदेश सरकार ने रोक रखा है। सरकार और संगठन ने बेहतर पदस्‍थापना के नाम पर मंत्रियों के पसंदीदा स्‍टॉफ की नियुक्ति रोक रखी है। मंत्री परेशान हैं, काम हो नहीं रहे हैं। इतना नहीं, मंत्रियों को अभी जिलों का प्रभार भी नहीं दिया गया है। यह लोकसभा चुनाव में उनकी अपने क्षेत्र में जिम्‍मेदारी को देखते हुए किया गया है लेकिन इस कारण मंत्री व विधायक से ज्‍यादा कलेक्‍टर ताकतवर हो गए हैं। 

सरकार ने एक आदेश में विधायक व सांसद निधि जारी करने के अधिकार कलेक्‍टर को दे दिए गए। ये काम प्रभारी मंत्री करते हैं लेकिन प्रभारी मंत्री तय नहीं हो पाए हैं और लोकसभा चुनाव आचार संहित लागू होने के पहले जनप्रतिनिधियों की निधि से काम होने हैं इसलिए कलेक्‍टर को अधिकार दे दिए।
अब मंत्रियों में बेचैनी है कि उनके स्‍टॉफ की नियुक्ति में पैमानों की सख्‍ती हैं। अब राशि जारी करने का अधिकार कलेक्‍टरों को दे कर व्‍यवस्‍था केंद्रीकृत कर दी गई हैं। मतलब जो ‘भोपाल’ कहेगा वही होगा। बीजेपी मंत्री, विधायक अपनी बात मंगवाने के लिए अफसरों से मिन्‍नत करते रहेंगे।

चुनाव के लिए सीनियर आईपीएस ने कसी कमर 

लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। पार्टियां अपने प्रत्‍याशियों के चयन को अंतिम रूप दे रही है। इसबीच एडीजी पुलिस पुरूषोत्‍तम शर्मा ने फिर चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली हैं। हाल ही में एक अखबार द्वारा किए गए सर्वे का हवाला देते हुए उन्‍होंने वीडियो जारी कर फिर अपने इरादे जताए हैं। 

मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्‍छुक आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा ने जारी वीडियो में कहा है कि मेरे दिल में एक सेवक की तमन्ना है। मुझे आप लोगों से केवल प्यार और मोहब्बत चाहिए उसके बदले में मैं आपके साथ चौगुनी ताकत के साथ काम करने के लिए तैयार हूं। मैं कई योजनाओं को अपने दिमाग में रखा हुआ हूं उस पर काम करना चाहता हूं। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री ने इंदौर की टेक्सटाइल कंपनी के वर्कर को रुपए दिया है उसी तर्ज पर मैं कैलारस की फैक्ट्री को फिर से पुर्नजीवित करके जो किसानों का ऋण बचा हुआ है उसे दिलवा कर आप लोगों के लिए क्षेत्र में बहुत ज्यादा विकास करूंगा और लोगों को नौकरियां दिलवाऊंगा।

वे विधानसभा चुनाव के लिए दावेदार थे लेकिन सरकार ने उनके वीआरएस आवेदन को नामंजूर कर दिया था। अब वे नौकरी में रहते हुए ही फिर दावेदारी कर रहे हैं और उम्‍मीद जता रहे हैं कि इसबार बदली सरकार उनकी राह में कांटें नहीं बिछाएगी। 

बच गए अफसर, मिट गए गरीबों के आशियाने 

एनजीटी के आदेश का हवाला दे कर जिला प्रशासन ने ताज होटल के सामने की बस्‍ती को तो उजाड़ दिया लेकिन रसूखदारों के अतिक्रमण पर चुप्‍पी यथावत है। कुछ बरस पहले तक भोपाल का भदभदा सुनसान इलाका होता था। तालाब के सामने होटल ताज का निर्माण होने के बाद यहां की झुग्गी बस्ती खटकने लगी थी।

होटल ताज के सामने बनी इस बस्ती में कुल 386 घर थे। आधे घरों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है। 1000 से ज्यादा पुलिस जवानों को तैनात कर इलाके की नाकाबंदी कर दी गई थी ताकि पत्रकारों पीडि़त लोगों से मिल भी न सके। हालांकि, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का दावा है कि पूरी कार्रवाई झुग्गी बस्ती वालों की सहमति से हुई है। सवाल यह है कि यदि सहमति से हुई तो इतनी संख्‍या में पुलिस तैनात करने की क्‍या जरूरत थी?  

इससे भी बड़ा सवाल यह है कि तालाब के कैचमेंट जैसे संवेदनशील इलाकों में तो अफसरों और रसूखदारों ने भी अतिक्रमण कर रखा है। एनजीटी बार-बार इस अतिक्रमण पर भी आदेश दे रही है लेकिन हरबार अफसरों को बचाने की गलियां निकाल ली जाती हैं।