इटारसी : नगर में बंदर, किसके अंडर

नगर पालिका का कहना है कि अगर शहर में शेर आता है तो क्या उसे पकड़ने के लिए नगर निगम को कहा जाएगा

Publish: Jun 25, 2020, 06:39 AM IST

होशंगाबाद जिले के तहत अंतर्गत शहर में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। बंदरों के आने से रहवासियों के दिलों में डर बैठ गया है। आलम ये है कि लोग डरने लगे हैं कि बंदर कहीं उनपर हमला न कर दें। मगर ये बंदर सरकार के किस विभाग के अंदर हैं, इसे लेकर वन विभाग और नगर निगम में ठन गई है। बंदरों को पकड़ने को लेकर वन विभाग और नगर पालिका के बीच ठन गई है। वन विभाग का कहना है कि इन्हें हटाना नगर पालिका का कार्य है, वहीं नगर पालिका इन्हें वन विभाग की जिम्मेदारी बता रही है। नगर पालिका का कहना है कि बंदर एक वन्यप्राणी है ऐसे में यह काम हमारा नहीं है। सीएमओ सीपी राय ने मामले पर पूछा है कि अगर शहर में शेर आता है तो क्या उसे पकड़ने के लिए नगर निगम को कहा जाएगा ? 

इटारसी के रहवासी नगरपालिका और वन विभाग के बीच टकराव में पिसते जा रहे हैं। दरअसल, बंदरों का एक समूह गांधीनगर से न्यास कालोनी और कावेरी एस्टेट तक आ पहुंचा है। इनसे निजात दिलाने के लिए कोई विभाग तैयार नहीं है। वन विभाग के अफसर कहते हैं, हमारे पास इनको पकडऩे के साधन नहीं होते हैं, तो नगर पालिका का कहना है कि वन्य प्राणी को पकड़ने का काम वन विभाग का ही होता है। बंदरों का यह समूह पहले जंगल से निकलने वाली रोड किनारे वाहनों से फेंके जाने वाले वस्तुओं के लालच में बैठे रहते थे। लॉकडाउन के कारण काफी दिनों तक वहां खाना नहीं मिली तो ये बस्ती की तरफ चले आये। कुछ दिन रेलवे स्टेशन पर गुजारा और अब वहां खाने को नहीं मिला तो शहर की तरफ रुख कर लिया है। 

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन्हें लोगों ने खाने को देकर आदत लगाई है। यदी इन्हें खाना मिलना बंद हो जाए तो जंगल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। लोगों को चाहिए कि इन्हें मारने के बजाए डराएं। पटाखा फोड़कर, गुलेल चलाकर, शोरगुल से व लंबी बाँसों से इन्हें डराया जाए तो वे चले जाएंगे। डीएफओ अजय कुमार पांडेय ने कहा, 'बंदर पकड़वाने का काम नगर पालिकाओं को देखना होता है, हम केवल मदद कर सकते हैं। मथुरा में बंदर पकडऩे वालों का ग्रुप है, उनका नंबर हम उपलब्ध करा देंगे, नगर पालिका उनसे संपर्क करके बंदर पकडऩे का ठेका दे सकती है।'

शहर में शेर आएगा तो क्या नगर पालिका पकड़ेगी ?

मामले पर सीएमओ सीपी राय ने पूछा है कि क्या शहर में शेर आएगा तो उसे नगर पालिका पकड़ेगी ? उन्होंने कहा, 'बंदर वन्यप्राणी है, यह तो वन विभाग मानता ही होगा। फिर ये काम हमारा कैसे हुआ? यदि शहर के भीतर शेर आ जाएगा तो फिर क्या होगा? उसे भी हमें ही पकडऩा होगा? यह काम हमारा नहीं है, वन विभाग को ही इन्हें पकडऩा होगा।' वहीं स्थानीय विधायक डॉ सीताराम शर्मा ने दोनों विभागों के तकरार पर कहा है कि इस विषय में बातचीत कर जल्द ही समाधान निकाला जाएगा। शहर के भीतर इनका होना खतरनाक और चिंताजनक है।'