जी भाईसाहब जी: बीजेपी एमएलए का दु:ख, भाजपा भी भ्रष्‍टाचारी

MP Politics: अंग्रेजी लेखक लॉर्ड एक्‍टन ने लिखा है, सत्‍ता सत्ता भ्रष्ट करती है; पूर्ण सत्ता पूर्णतः भ्रष्ट करती है। क्‍या बीजेपी के साथ भी यही हो रहा है? खुद भाजपा के विधायक और नेता परेशान हैं, दु:खी हैं कि उनकी पार्टी भ्रष्‍टाचारी हो गई।

Updated: Aug 07, 2025, 05:39 PM IST

एमपी विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का पुलिस वर्दी में प्रदर्शन
एमपी विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का पुलिस वर्दी में प्रदर्शन

मध्‍य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र में की देवरी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने प्रश्नकाल के दौरान एक मुद्दा उठाया और दु:खी हो कर कहा कि पीछे बंधे हैं हाथ और मुंह पर ताले हैं, किससे क्या कहे? विधायक की पीड़ा पार्टी की सरकार में बढ़ता भ्रष्‍टाचार है। बीजेपी विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया ने नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष की वित्तीय अनियमिताओं की शिकायत की थी। जांच हो गई, आरोप सही पाए गए लेकिन शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही है। पीड़ा से भरे विधायक ने कहा कि पार्टी का अनुशासन है, गाइडलाइन भी है, इसलिए अब यही कहूंगा, पीछे बंधे हाथ और मुंह पर ताले हैं, किससे कहें, कांटा कौन निकाले हैं, मेरी कई पीड़ा है। आरोपी को कार्यकाल पूरा करने के लिए बार-बार समय दिया गया।'

देवरी विधायक ब्रजबिहारी पटेरिया कुछ दिनों पहले नगर पालिका के काम पर सार्वजनिक मंच से नाराजगी जा चुके हैं। पार्टी ने उन्‍हें बयानों पर फटकार लगाई थी। इस कारण भ्रष्‍टाचार की शिकायत करते हुए उन्होंने विधानसभा में सवाल उठा दिया। वे अकेले ऐसे नहीं हैं जो भाजपा में बढ़ रहे भ्रष्‍टाचार से परेशान हैं।

शिवपुरी में केंद्रीय ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नपा अध्यक्ष के करप्शन से त्रस्त आ कर बीजेपी जिला उपाध्यक्ष ओमप्रकाश जैन उर्फ ओमी जैन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा ही दे दिया। अपना त्याग पत्र सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद पत्रकारों से चर्चा में जिला उपाध्यक्ष ओमी जैन ने आरोप लगाया गया कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं है। नगर पालिका में भ्रष्टाचार की बातें उठाने पर उन्‍हें प्रताड़ित किया जा रहा है। शिवपुरी बीजेपी के अन्‍य नेता भी नपा अध्‍यक्ष गायत्री शर्मा के कामकाज से संतुष्‍ट नहीं है। बीजेपी के ही पार्षद आरोप लगा रहे हैं कि उनके वार्ड में कोई विकास के कार्य नहीं कराए जा रहे हैं। कलेक्टर की जांच पर एफआईआर दर्ज हुई। शिवपुरी कलेक्टर ने नगरीय प्रशासन विभाग की आयुक्त पत्र लिख कर ऑडिट करवाने की मांग की है। मगर नतीजा कुछ नहीं।

कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा मानसून सत्र

विधानसभा का 8 दिनों का मानसून सत्र एक दिन पहले ही समाप्त हो गया। यह सत्र प्रतिपक्ष कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के अनोखे तरीकों के लिए याद किया जाएगा। इस सत्र में कांग्रेस ने हर दिन बैठक से पहले किसी एक मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया। पहले दिन कांग्रेस गिरगिट लेकर सदन में पहुंचे। गिरगिट को सरकार के रंग बदलने के प्रतीक बताया गया। दूसरे दिन दो विधायक भैंस बनकर सदन में पहुंचे थे और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बीन बजाई। इस सहारे सरकार के कामकाज को भैंस के आगे बीन बजाने जैसा निरूपति किया गया। आदिवासियों के मुद्दे पर प्रदर्शन में बेल-पत्तियों का सहारा लिया गया तो खाद संकट बताने के लिए कांग्रेस विधायक खाद-यूरिया की बोरी लेकर पहुंचे।

मध्य प्रदेश में ड्रग्स कारोबार पर विरोध प्रदर्शन के लिए कांग्रेस विधायक एमडी ड्रग्स की प्रतीकात्मक पुड़ियाएं और इंजेक्शन की मालाएं पहन कर पहुंचे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि नशे का कारोबार बीजेपी नेताओं के संरक्षण में चल रहा है। अंतिम दिन पुलिस की वेशभूषा में पहुंच कर पुलिस भर्ती घोटाले पर ध्‍यान आकृष्‍ट किया गया।

सत्र आरंभ होने के ठीक पहले विधानसभा अध्यक्ष का एक आदेश प्रसारित हुआ था जिसके जरिए सदन में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन को प्रतिबंधित कर दिया था। इस निर्णय की आलेचना हुई थी। कांग्रेस ने सदन के अंदर तो ठीक, बाहर विरोध प्रदर्शन का यह तरीका चुना। यह तरीका कितना कारगर हुआ, यह आकलन का विषय है।

क्‍या 800 करोड़ का दंड भरेंगे बीजेपी विधायक संजय पाठक

विजयराघवगढ़ सीट से अरबपति बीजेपी विधायक संजय पाठक संकट में हैं। उन पर जमीन और खनन घोटालों के आरोप हैं। सहारा समूह की 310 एकड़ बेशकीमती जमीनों की खरीद-फरोख्त में 72.82 करोड़ रुपए के गबन का खुलासा हुआ है। हैरानी यह है कि 310 एकड़ जमीन का बाजार मूल्य करीब 1000 करोड़ था। उसे पहले 90 करोड़ रुपए में बेचा। इसमें भी 72.82 करोड़ का गबन ही कर लिया गया। इस मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष (ईओडब्ल्यू) ने एफआइआर दर्ज की है। ये जमीनें बीजेपी विधायक संजय पाठक के परिवार की शेयर होल्डिंग कंपनियों के जरिए खरीदी गई है।

अब जबलपुर जिले के सिहोरा में तय सीमा से अधिक उत्खनन की जांच कराने के बाद सरकार ने उन पर 443 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई है। पेनल्टी, जीएसटी और ब्याज के साथ उत्खनन करने वाली फर्मों को 800 करोड़ से ज्यादा की रकम चुकाने के लिए कहा गया है।

जब संजय पाठक कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में गए थे तब आरोप लगे थे कि वे अपने आर्थिक लाभ के लिए दल बदल रहे हैं। तो क्‍या अब बीजेपी सरकार में उन्‍हें रियायत नहीं मिली है? क्‍या वे 800 करोड़ भरेंगे या सहारा मिल जाएगा?

सरकारी जमीन पर बीजेपी का पार्टी कार्यालय

मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने नवगठित जिलों मऊगंज और पांढुर्णा में बीजेपी के दफ्तर बनाने के लिए सरकारी जमीन आवंटित की है। कैबिनेट के इस निर्णय का कांग्रेस ने विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष जीतू पटवारी ने गुना और नीमच की घटनाओं का उल्लेख करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने लंबी पोस्‍ट में लिखा है कि क्या बीजेपी सरकार ने मध्य प्रदेश में जनता की संपत्ति को अपनी पार्टी का ‘स्थायी पता’ मान लिया है? बीते दिनों गुना में डेढ़ बीघा सरकारी जमीन पर बीजेपी दफ्तर के लिए प्रशासन ने वर्षों से रह रहे आदिवासी परिवारों के घर तोड़ दिए। सारे नियमों को ताक पर रखकर नीमच में 20 हजार वर्ग फीट जमीन कब्जा में कर ली। इसका बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपए से ज्यादा है। जमीन से जुड़ा एक भी पैसा अभी तक जमा भी नहीं करवाया गया है। क्या चाल, चरित्र और चेहरे की राजनीति ऐसी होती है?

पटवारी ने सवाल किया है कि स्कूल, अस्पताल, रैन-बसेरे या गरीबों के लिए मकान की बजाय हर जिले की सरकारी भूमि पर क्या अब भाजपा के ऑफिस बनेंगे?