अमानक उर्वरकों की बिक्री पर रोक लगाए सरकार, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सीएम यादव को लिखा पत्र
दिग्विजय सिंह ने बताया है कि अमानक उर्वरकों की बिक्री में कंपनियाँ, कृषि विभाग, सहकारी समितियाँ और उर्वरक गुणवत्ता जांच एजेंसियों के कुछ लोगों का एक संगठित सिंडिकेट शामिल है।

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक पत्र लिखकर मध्य प्रदेश में अमानक उर्वरकों की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
सीएम यादव को संबोधित इस पत्र में दिग्विजय सिंह ने बताया है कि मध्य प्रदेश में अमानक उर्वरकों (SSP, DAP, NPK) की बड़े स्तर पर बिक्री हो रही है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक और उत्पादन संबंधी नुकसान हो रहा है।
दिग्विजय सिंह ने बताया है कि अमानक उर्वरकों की बिक्री में कंपनियाँ, कृषि विभाग, सहकारी समितियाँ और उर्वरक गुणवत्ता जांच एजेंसियों के कुछ लोगों का एक संगठित सिंडिकेट शामिल है। राज्य में उर्वरकों के नमूने जांच में हेराफेरी की जा रही है, जिससे अमानक उर्वरकों को भी मानक घोषित किया जा रहा है।
दिग्विजय सिंह ने बताया है कि मध्यप्रदेश में हर वर्ष अनुमानित लगभग 70-75 लाख टन उर्वरक की खपत होती है, जिसमें Urea, DAP, SSP और NPK मुख्य रूप से उपयोग किए जाते हैं। अमानक उर्वरकों की इस बिक्री से किसानों की फसल उत्पादन क्षमता 20-30% तक कम हो रही है, जबकि उनकी लागत में अत्यधिक वृद्धि हो रही है।
सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मांग किया है कि मध्य प्रदेश में अमानक उर्वरकों की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएं:
- सरकार इस मामले में एक विशेष टास्क फोर्स गठित करे जो हर जिले में उर्वरकों के नमूने कैमरों के सामने जांच कराए।
- अमानक उर्वरक बेचने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
- उर्वरक कंपनियों को चलित उर्वरक परीक्षण प्रयोगशालाएँ किसानों के बीच उपलब्ध कराने हेतु बाध्य किया जाए।