विरोधाभास : राजनाथ सिंह ने चाहा POK, नितिन गडकरी बोले शांति चाहिए

दो‍ दिनों में दो केंद्रीय मंत्रियों के विरोधाभासी बयान। चीन LAC और पाकिस्तान जम्मू- कश्मीर में भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है

Publish: Jun 16, 2020, 04:20 AM IST

चीन एलएसी और पाकिस्तान जम्मू- कश्मीर में भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है दो‍ दिनों में दो केंद्रीय मंत्रियों के विरोधाभासी बयान सामने आए हैं। रविवार को जम्‍मू और कश्‍मीर में वर्चुअल रैली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि जल्‍द ही पीओके भी भारत का हिस्‍सा होगा। आज नागपुर में वर्चुअल रैली में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमें पाकिस्तान या चीन की जमीन में कोई दिलचस्पी नहीं है हम शांति और सौहार्द चाहते हैं।

महाराष्ट्र के नागपुर में भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा होने पर वर्चुअल जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत शांति और अहिंसा में यकीन करता है। भारत विस्तारवादी होकर मजबूत नहीं होना चाहता। भारत ने कभी भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों की जमीन को हथियाने का प्रयास नहीं किया। देश की सीमाओं को सुरक्षित रखना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

गडकरी ने मराठी लेखक शिवाजी सावंत के प्रसिद्ध उपन्यास मृत्युंजय का उल्लेख करते हुए कहा कि शांति और अहिंसा केवल उन लोगों द्वारा स्थापित की जा सकती है जो सक्षम हैं। हम निश्चित रूप से गर्व महसूस कर रहे हैं कि माओवादी नक्सलवाद हो या आतंकवाद से हमारी आंतरिक और बाहरी सीमाएँ सुरक्षित हैं। हमारे बहादुर सैनिक हमारे देश की रक्षा कर रहे हैं।

लगभग आधा घंटे चले इस भाषण में गडकरी ने कोरोना वैक्सीन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा भारत और दुनिया के अन्य देशों के लोग कोरोना वायरस की वैक्सीन ढूंढ़ने में लगे हैं। ऐसे में यह महामारी ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहेगी। जहां तक मुझे सूचना है मैं भरोसा के साथ कह सकता हूं कि जल्द ही इसका टीका विकसित कर लिया जाएगा। एक बार टीका विकसित होने के बाद हमें इस संकट का डर फिर नहीं रहेगा।

वहीं रविवार को जम्मू में वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि जल्द ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के लोग यह मांग करेंगे कि वह भारत के साथ रहना चाहते हैं, पाकिस्तान के साथ नहीं। इसी के साथ हमारी संसद का एक बड़ा उद्देश्य पूरा होगा।