Chhattisgarh: निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की इजाजत

HighCourt के फैसले से अभिभावकों को लगा झटका, छात्रों से सशर्त ट्यूशन फीस ले सकेंगे निजी स्कूल

Updated: Jul 29, 2020, 01:52 AM IST

रायपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अभिभावकों से ट्यूशन फीस लेने की इजाजत दे दी है। साथ ही कोर्ट ने उन अभिभावकों को राहत भी दी है। जो फीस देने में समर्थ नहीं है। हाईकोर्ट ने स्कूलों की फीस को लेकर दायर की गई याचिका पर अपना फैसला सुनाया है।

स्कूलों को फीस बढ़ाने की परमीशन नहीं

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। जिसके तहत अब प्रदेश के निजी स्कूल छात्रों से ट्यूशन फीस वसूल कर सकेंगे। हाई कोर्ट ने निजी स्कूल प्रबंधन को सशर्त अनुमति दी है।जिसमें कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन पिछले शिक्षण सत्र में तय ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे।

फीस की एवज में स्कूल देंगे स्टाफ को सैलरी

हाई कोर्ट ने इस बात के आदेश भी दिए हैं कि फीस वसूलने की एवज में निजी स्कूल शिक्षकों और स्टॉफ को वेतन देंगे। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि इस दौरान स्कूल प्रबंधन अपने किसी भी स्टॉफ को नौकरी से नहीं निकालेंगे। जस्टिस पी. सेम कोशी की सिंगल बेंच ने यह पूरा आदेश जारी किया है।

स्कूल की तरफ से दावा कि गया था कि उन्हें शासन से कोई फंड नहीं मिलता, उन्हें स्कूल फीस से ही शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन और मेंटेनेंस का काम कराना पड़ता है। जिन छात्रों के पेरेंट्स ट्यूशन फीस देने में सक्षम हैं उनसे फीस लेने की अनुमति देने की भी मांग की गई थी। जिससे टीचर और अन्य स्टाफ के वेतन की व्यवस्था हो सके। लॉकडाउन में सभी स्कूल ऑनलाइन क्लास, प्रोजेक्ट वर्क, टेस्ट करवा रहे हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस लें। सभी ऑनलाइन क्लास चलती रहेंगी, पढ़ाई में व्यवधान नहीं होना चाहिए। 

आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मिले छूट

हाई कोर्ट ने निजी स्कूल प्रबंधन को ट्यूशन फीस वसूलने की अनुमति तो दे दी है लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करने कहा है कि आर्थिक संकट के कारण जो अभिभावक फीस जमा नहीं कर सकते हैं उनको छूट दी जाए। इसके लिए अभिभावकों को आवेदन देना होगा। उनके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। इसके लिए स्कूल प्रबंधन को मापदंड तय करना चाहिए। अभिभावकों को व्यक्तिगत रूप से स्कूल प्रबंधक के सामने उपस्थित होना पड़ेगा और अपनी आय का विवरण देकर बताना होगा कि वे इस समय फीस देने में सक्षम नहीं हैं।

दरअसल प्रदेशभर के 22 निजी स्कूलों के संचालकों के संगठन बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की ओर से राज्य शासन के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद अब निजी स्कूलों को सशर्त फीस वसूलने की अनुमति मिली है।