CM Bhupesh Baghel: कौशल्या जन्मभूमि पर बनेगा विशाल मंदिर

Ayodhya में राम मंदिर बनेगा तो छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या के मंदिर का होगा विस्तार, मंदिर के मूल स्वरूप में नहीं होगाकोई बदलाव

Updated: Jul 30, 2020, 05:52 AM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में रायपुर के नजदीक माता कौशल्या की जन्मस्थली चंद्रखुरी में जल्द ही विशाल मंदिर निर्माण शुरू होगा। इस दौरान मंदिर के मूल स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। चंद्रखुरी में 15 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य भी होंगे। इसका निर्माण कार्य अगस्त के तीसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगा।

यह जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। यहां कण–कण में भगवान राम बसे हुए हैं। भगवान राम ने वनवास का बहुत सा समय यहां बीता है। छत्तीसगढ़ सरकार भगवान राम के वन गमन मार्ग को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित कर रही है। जिससे इन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके। इस अवसर पर उन्होंने यहां तालाब के बीच से होकर गुजरने वाले पुल की मजबूती के साथ ही यहां परिक्रमा पथ, सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला और शौचालय बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सपरिवार की मंदिर में पूजा अर्चना

बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ चंदखुरी पहुंचे थे। वहां स्थित माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर में पूजा-अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। उन्होंने मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर के विकास के लिए तैयार परियोजना की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कौशल्या मंदिर के सौन्दर्यीकरण के दौरान मंदिर के मूलस्वरूप को यथावत रखते हुए यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।

राम वन गमन के पहले चरण में 9 स्थलों का होगा विकास

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है। जिसकी शुरूआत चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर के सौंदर्यीकरण कार्य से की गई है। पिछले साल 22 दिसम्बर को भूमि-पूजन किया गया था। भव्य मंदिर की निर्माण की कार्ययोजना में परिसर में विद्युतीकरण, तालाब का सौंदर्यीकरण, घाट निर्माण, पार्किंग, परिक्रमा पथ का विकास आदि कार्य शामिल किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में 9 स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों में सीतामढ़ी–हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अम्बिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर–चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा–सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) शामिल हैं।

इन प्रस्तावित 09 स्थलों के लिए पर्यटन विभाग ने 137.45 करोड़ रुपए की लागत से एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के लिए राज्य शासन ने वर्ष 2019-20 में 5 करोड़ रुपए और इस वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है।

अयोध्या में आगामी 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन के लिए भगवान राम की माता कौशल्या के मायके यानी, राम के ननिहाल चांदकुरी गांव की मिट्टी डाली जाएगी।