Chhattisgarh: गोधन न्याय योजना की पहली किस्त जारी

CM Bhupesh Baghel ने महेंद्र कर्मा के नाम पर तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत की

Updated: Aug 06, 2020, 06:49 AM IST

photo courtesy : patrika
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छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोबर खरीदी की राशि का भुगतान किया। यह राशि सीधे गोबर विक्रेताओं के खाते में डाली गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय से दिवंगत कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के नाम से तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत भी की।

46 हजार 964 हितग्राहियों से 82 हजार 711 क्विंटल गोबर खरीदा

गोधन न्याय योजना के की शुरुआत 20 जुलाई को हरेली के दिन से हुई थी। तब से 1 अगस्त तक की गई गोबर खरीदी की पहली किश्त की राशि 5 अगस्त को सहकारी बैंक के माध्यम से हितग्राहियों के खाते में डाली गई। छत्तीसगढ़ में कुल 4 हजार 140 गौठानों में रजिस्टर्ड 65 हजार 694 हितग्राहियों में से 46 हजार 964 हितग्राही द्वारा 82 हजार 711 क्विंटल गोबर का बेचा गया है। जिसकी कुल राशि 2 रूपए प्रति किलो की दर से 1 करोड़ 65 लाख रूपए पशुपालकों के बैंक खातों में डाल दी गई।

इस योजना का लाभ प्रदेश के अंतिम छोर के पशुपालकों तक पहुंचाने की बात कही जा रही है। इसमें 38 प्रतिशत महिला हितग्राही, 48 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग, 39 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 8 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 5 प्रतिशत सामान्य वर्ग के हितग्राही शामिल हैं। गोबर खरीदी का अगला भुगतान 15 अगस्त को किया जाएगा।

गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी और बालोद जिलों में सबसे अधिक गोबर विक्रय हुआ है। वहीं नगरीय क्षेत्रों में रायपुर और दुर्ग के पशुपालकों ने सबसे ज्यादा गोबर विक्रय किया है।

शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना

शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना में तेंदूपत्ता संगहण कार्य में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु पर नामांकित व्यक्ति या उसके उत्तराधिकारी को 2 लाख रूपए की अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। वहीं दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा। दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रूपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दी जाएगी।

  इस योजना के अंतर्गत यदि संग्राहक परिवार के मुखिया की 50 से 59 आयु वर्ष के बीच सामान्य मृत्यु होती है, तो 30 हजार रूपए, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए, दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर 75 हजार रूपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि परिवार के नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दी जाएगी।

वन विभाग और राज्य लघुवनोपज संघ द्वारा संचालित होगी योजना

छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना लाई जा रही है। योजना वन विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से चलाई जा रही है। इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा किया जाएगा। जिसमें संबंधित जिला यूनियन द्वारा ही एक महीने के अंदर प्रकरणों का निराकरण करके सहायता अनुदान की राशि सीधे संग्राहकों के बैंक खातों में प्रदान की जाएगी। जिससे प्रकरणों का निराकरण सुगमता एवं शीघ्रता से किया जा सकेगा।

गौरतलब है कि राज्य सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के सामाजिक सुरक्षा एवं आर्थिक सुदृढ़ता सुनिश्चित करने हेतु वचनबद्ध है। राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा की गई है।