मानसून के स्वागत में जमकर बरसे बदरा, टूटा 21 साल का रिकॉर्ड

छत्तीसगढ़ में मानसून ने दस्तक देने के साथ ही अपना तूफानी असर दिखाना शुरू किया, 17 जिलों में हुई रिकॉर्ड बारिश, सबसे ज्यादा कोरबा में 723 फीसदी ज्यादा बारिश, सरगुजा में 13 फीसदी ज्यादा गिरा पानी, सीएम ने सभी बाढ़ संभावित जिलों को अलर्ट पर रहने को कहा, आपदा प्रबंधन बल को तैयार रहने के निर्देश

Updated: Jun 23, 2021, 12:16 PM IST

Photo Courtesy: news 18
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून ने आमद दर्ज करा दी है। प्रदेश के 17 जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है। करीब 21 साल में पहली बार ऐसा मौका आया है, जब मानसून की शुरुआत में ही इतनी बारिश हो रही है। जिससे प्रदेश में बारिश का रिकॉर्ड ही टूट गया है। है। छत्तीसगढ़ मौसम केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार तीस साल की बारिश का औसत 1981 से 2010 तक के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है।

इन आकड़ों के अनुसार कोरबा में सबसे ज्यादा 723 फीसदी बारिश दर्ज हुई है। कोरबा में 75.2 मिमी बारिश दर्ज हुई है। जबकि यहां हर साल इतनी बारिश नहीं होती थी। वहीं प्रदेश के तीन जिलों को अब भी झमाझम बारिश का इंतजार है। नारायणपुर, गरियाबंद और महासमुंद में औसत से काफी कम पानी गिरा है।  

दरअसल प्रदेश के 17 जिलों में बारिश का रिकॉर्ड टूट गया है। इन जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई है। कुछ जिलों में 60 फीसदी से 723 फीसदी तक ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है। कोरबा में सबसे ज्यादा 723 फीसदी बारिश दर्ज हुई है। सूरजपुर में 383 फीसदी, मुंगेली 339 फीसदी, कबीरधाम में 287 फीसदी, कोरिया में 260 फीसदी जबकि राजधानी रायपुर में 133 फीसदी ज्यादा वर्षा हुई है। वहीं कोरिया के खड़गवां में सबसे ज्यादा 91.7 मिमी बारिश हुई। कोरबा में 75.2 मिमी और बेमेतरा के नवागढ़ में 70 मिमी वर्षा का रिकॉर्ड बना है। रायपुर में 31.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि बैकुंठपुर में 77.7 मिमी, सूरजपुर में 85.2, रामानुजनगर में 74.4 मिमी बरसात दर्ज की गई।  

प्रदेश में हो रही भारी बारिश के मद्देनजर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा है कि बाढ़ संभावित जिलों में आपदा प्रबंधन दल को अलर्ट रखा जाए। इनदिनों हो रही बारिश से कई नदियों का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। सीएम भूपेश बघेल ने बाढ़ की संभावना वाले इलाकों के कलेक्टर्स को जरुरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावितों को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देश दिया है। नदियों और जलाशयों के जल स्तर की जानकारी कंट्रोल रूम को देने और बाढ़ संभावित इलाकों में पहले से तैयारी करने को कहा है।

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हर साल बाढ़ की स्थिति बन जाती है, जिनमें बस्तर, कोंटा, बीजापुर जिले शामिल हैं। वहीं भेरमगढ़, भोपालपट्टनम, राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार, जांजगीर चापा, रायगढ़ में भी बाढ़ की संभावना बनी रहती है। इन जिलों में आपदा प्रबंधन दल को अलर्ट पर रखा गया है।