छत्तीसगढ़ के 14 शहरों में मिलेंगी ऑनलाइन सुविधाएं, प्रॉपर्टी, जलकर समेत 8 सेवाओं का डिजिटाइजेशन

छत्तीसगढ़ में अप्रैल से टैक्स कलेक्शन, म्युनिसिपल प्रॉपर्टी बुकिंग, अकाउंट मैनेजमेंट, एसेट मैनेजमेंट, वर्क्स मैनेजमेंट, न्यू कनेक्शन और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसी सेवाएं ऑनलाइन मिलने लगेंगी

Updated: Feb 22, 2021, 11:46 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के 14 शहरों में कई सेवाओं को ऑनलाइन करने का फैसला किया है। नगर निगम से जुड़ी 8 सेवाओं के डिजिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया गया है। नगरीय निकायों में प्रॉपर्टी टैक्स समेत 8 सर्विसेज ऑनलाइन मिलेंगी। सेवाओं को ऑनलाइन करने के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे योजनाओं की मॉनिटरिंग में आसानी होगी। फिलहाल आंकड़ों के डिजिटाइजेशन का काम किया जा रहा है।

कोरोना की वजह से पिछले साल का संपत्ति और जल कनेक्शन की जानकारियां अपलोड नहीं हो पाई थी, जिसके कारण सर्विसेज की ऑनलाइन होने की प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हो पाई थी। सभी 14 शहरों में डाटा अपलोड करने का काम तेजी से जारी है।

पहले चरण में ऑनलाइन टैक्स कलेक्शन, म्युनिसिपल प्रॉपर्टी बुकिंग मॉड्यू, अकाउंट मैनेजमेंट, असेट मैनेजमेंट, वर्क्स मैनेजमेंट, न्यू कनेक्शन सहित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को ऑनलाइन करने पर काम जारी है। दूसरे चरण में स्थापना और पेरोल, पेंशन, RTI , लॉ मैनेजमेंट पर भी काम किया जाएगा।

प्रदेश की जनता को मार्च महीने के अंत तक की डेडलाइन दी गई है। इसके बाद सभी सेवाएं ऑनलाइन मिल सकेंगी। नए फाइनेशिंयल इयर यानी एक अप्रैल से जलकर, संपत्तिकर समेत दूसरी अन्य सेवाएं ऑनलाइन मिलने लगेंगी। फिलहाल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग और रिसाली में ही प्रापर्टी, वॉटर और वॉटर वेस्ट चार्ज समेत एक्सपोर्ट टैक्स ऑनलाइन जमा किया जा रहा है। यहां नए नल के कनेक्शन, प्रापर्टी समेत कई दूसरी जानकारियां भी ऑनलाइन उपलब्ध हैं। गौरतलब है कि रायपुर समेत 10 नगर निगमों में जलकर, संपत्ति कर ऑफलाइन मोड में ही जमा हो रहा है। जिसके लिए लंबी लाइनें लगती हैं। रायपुर में अक्सर टैक्स के लिए शिविर भी लगाए जाते रहे हैं।

हाल ही में छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन विभाग ने निकायों में ऑनलाइन सेवाओं को गो-लाइव करने की समीक्षा की। इस बैठक में सभी नगरीय निकायों को इस महीने के अंत तक डेटा अपलोड करने को कहा गया है। सेवाओं के डिजिटलाइजेशन से नगरीय निकायों में प्रशासनिक कसावट लाई जा सकेगी। जनता को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। घर बैठे ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।