अडानी के लिए सिरदर्द बनी हिंडनबर्ग रिपोर्ट, शेयरों में गिरावट के बीच वापस लेना पड़ा FPO
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के बोर्ड ने पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को वापस ले लिया है।

नई दिल्ली। अमेरिकी रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट नहीं थम रही है। बजट वाले दिन भी जब बाजार में रौनक थी अडानी समूह के सभी शेयर औंधे मुंह गिरे। बुधवार अडानी ग्रुप के शेयरों में करीब 30 फीसदी की गिरावट के बाद कंपनी ने देर रात अपना एफपीओ (FPO) वापस ले लिया है।
एफपीओ को वापस लेने के फैसले पर अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने कहा कि ” पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए FPO के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है।
अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच मंगलवार को कॉरपोरेट्स और विदेशी निवेशकों ने अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एफपीओ को बेलआउट कर दिया था। अडाणी ग्रुप के शेयरों में बुधवार को भारी गिरावट देखने को मिली। इनमें अडाणी ग्रुप के दो शेयरों ने निवेशकों को सबसे ज्यादा निराश किया। अडाणी एंटरप्राइजेस के शेयरों में करीब 28 फीसदी और अडाणी पोर्ट के शयरों में 19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
Adani Enterprises takes back its FPO….
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) February 1, 2023
All the King’s horses and all the King’s men couldn’t put Humpty Dumpty back again! pic.twitter.com/MJe5msis33
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी की संपत्ति इतनी गिरी कि वो वर्ल्ड बिलेनियर्स की लिस्ट से बाहर हो गए है। गौतम अडानी न केवल दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए, बल्कि वो अब एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति भी नहीं रहे। बुधवार को गौतम अडानीकी कुल संपत्ति में 13 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। इस घाटे के कारण फोर्ब्स के वर्ल्ड बिलेनियर्स की लिस्ट में वो 15वें नंबर पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि इस एक रिपोर्ट के आने के बाद अडानी को हफ्तेभर में करीब 46 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है।
बता दें कि अडानी साल 2022 में सबसे ज्यादा दौलत कमाने को लेकर सुर्खियों में रहे थे। लेकिन 2023 अडानी के लिए बुरी खबरें लेकर आई है। जनवरी के महीने में अडानी का नाम सबसे ज्यादा संपत्ति गवांने के मामले में टॉप पर आ गया है। हफ्तेभर में अडानी ने 46.1 अरब डॉलर की रकम गवां दी है। हिंडनबर्ग की जो रिपोर्ट का असर उनकी नेटवर्थ पर ऐसा पड़ा कि वे अमीरों की सूची से ही बाहर हो गए।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में क्या है?
अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी जो रिपोर्ट जारी की है उसमें कहा गया है कि अडाणी ग्रुप की सभी 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है। ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर 85% से ज्यादा ओवरवैल्यूड भी हैं। अडाणी ग्रुप ने शेयरों में हेरफेर की। अकाउंटिंग में धोखाधड़ी की गई है। अडाणी ग्रुप कई दशकों से मार्केट मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग कर रहा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं। इसी रिपोर्ट से भारतीय निवेशकों का सेटीमेंट बदल गया। हालांकि अडानी ग्रुप ने इसे सिरे से खारिज करते हुए दुर्भावनापूर्ण करार दिया है।