भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट, 8.48 अरब डॉलर घटकर 644.39 अरब डॉलर तक आया

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 दिसंबर को खत्म हफ्ते में 8.48 अरब डॉलर घटकर 644.39 अरब डॉलर पर आ गया है और इसमें लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है।

Updated: Dec 28, 2024, 04:47 PM IST

नई दिल्ली। भारत को आर्थिक मोर्चे पर एक के बाद एक झटके लग रहा है। देश की GDP वृद्धि दर सुस्त होकर 5.4 प्रतिशत पर आ चुकी है जो पिछले 21 महीनों के सबसे निचले स्तर पर है। रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है जिसका सीधा असर Forex यानि विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 दिसंबर को खत्म हफ्ते में 8.48 अरब डॉलर घटकर 644.39 अरब डॉलर पर आ गया है

दरअसल, रिजर्व बैंक को रुपये की गिरावट को थामने पर ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं। ऐसे में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है।शुक्रवार को RBI के आंकड़ों के अनुसार, 20 दिसंबर को खत्म हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तीसरे सप्ताह गिरकर 644.39 बिलियन डॉलर हो गया। ये 3 मई के बाद का सबसे निचला स्तर है।

इससे पहले के सफ्ताह में ये भंडार 2 बिलियन डॉलर गिरकर 652.8 बिलियन डॉलर हो गया था। शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 53 पैसे कमजोर होकर 85.79 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया, जो फरवरी 2023 के बाद से इसकी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।

इसके साथ ही देश के गोल्ड रिजर्व का मूल्य 2.33 अरब डॉलर घटकर 65.73 अरब डॉलर रह गया है। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 11.2 करोड़ डॉलर घटकर 17.88 अरब डॉलर रहा है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इस समीक्षाधीन अवधि में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष- इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार भी 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.22 अरब डॉलर पर आ गया है।

बता दें कि पिछले महीने ही केंद्र सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला था कि देश के GDP ग्रोथ में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस वित्तीय वर्ष के दूसरी तिमाही में भारत के विकास के रफ्तार में ब्रेक लगा। देश की GDP वृद्धि दर सुस्त होकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई। आर्थिक मोर्चे पर खराब प्रदर्शन को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा था कि GDP में गिरावट का साफ मतलब है कि देश में उद्योग-धंधे मंद पड़ रहे हैं, काम नहीं हो रहा है, रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं।