51वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजे जाएंगे रजनीकांत

इंडियन सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के अवॉर्ड रजनीकांत को दिया जाएगा, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया ऐलान

Updated: Apr 01, 2021, 06:46 AM IST

Photo Courtesy: DNA
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इस साल इंडियन सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के अवॉर्ड रजनीकांत को दिया जाएगा। वे यह अवार्ड पाने वाली 51वीं हस्ती हैं। दादा साहब फाल्के पुरस्कार की घोषणा गुरुवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की। फिल्मों के भगवान कहे जाने वाले रजनीकांत 50 साल से ज्यादा समय से सिनेमा जगत में सक्रिय हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं। इस दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड्स की सिलेक्शन ज्यूरी में आशा भोंसले, मोहनलाल, विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई जैसे बॉलीवुड के दिग्गज शामिल थे। ज्यूरी ने एकमत होकर रजनीकांत को इस साल अवॉर्ड देने का फैसला लिया है। 

फिल्मों में सक्रिय रजनीकांत ने जनवरी में राजनीति में आने की तैयारी की थी। बाद में अचानक स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन्होंने राजनीति में आने का प्लान कैंसिल कर दिया।

 बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में 12 दिसंबर 1950 को रजनीकांत का जन्म हुआ था। उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनकी मां जीजाबाई और पिता रामोजी राव थे। वे अपने भाई बहनों से सबसे छोटे थे। उनकी स्कूल की पढ़ाई बेंगलुरु में हुई। महज चार साल की उम्र में उनकी मां का निधन हो गया था। घर में तंगहाली थी। जिसके कारण कम उम्र में ही उन्हें घर चलाने के लिए काम करना पड़ा।

उन्होंने कुली और बस कंडक्टर का काम किया। बस में वे लोगों का मनोरंजन करते थे। टिकट काटने का अनोखा अंदाज होने की वजह से वे फेमस हो गए। फिर उनके दोस्तों ने उन्हें एक्टिंग करने की राय दी। शुरुआत में उन्होंने कन्नड़ नाटकों में काम किया। उनकी पहली फिल्म तमिल थी। अपूर्वा रागनगाल नाम की फिल्म में  रजनीकांत के साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थे। दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे।

पहले विलन के तौर पर एंट्री करने वाले रजनीकांत एसपी मुथुरमन की फिल्म भुवन ओरु केल्विकुरी में हीरों के तौर पर नजर आए थे। उनकी फिल्मों के लिए फैंस दीवाने हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रजनीकांत की फिल्म्स सुबह साढ़े तीन बजे तक रिलीज हो जाती रही हैं। 

उनकी पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून थी। जो की 1983 में रिलीज हुई थी। रजनीकांत साउथ के साथ पूरे सिनेमा जगत में लोकप्रिय हैं। वे साउथ सिनेमा के सुपर स्टार माने जाते हैं। पिछला दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड अमिताभ बच्चन को दिया गया था।

रजनीकांत को साल 2000 में पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है। 2014 में उन्हें 45वें इंटरनेश्नल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

रजनीकांत की फिल्मों की लिस्ट काफी लंबी हैं, बात चाहे साउथ फिल्मों की हो या फिऱ बॉलीवुड की दोनों जगह उनकी एक्टिंग का जलवा कायम है। उनकी फिल्म हम, चालबाज, दरबार, 2.0, द रोबोट, त्यागी, अंधा कानून, कबाली, खून का कर्ज, दोस्ती दुश्मनी, इंसाफ कौन करेगा जैसी फिल्मों को लोग आज भी बड़े चाव से देखते हैं। उनके चश्मा लगाने की स्टाइल शिवाजी में उनका सिक्का उछालने का अंदाज फेमस है। फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस में तो उनके लिए लुंगी डांस गाना डेडीकेट किया गया था।