World Food Prize : भारतीय मूल के रतन लाल को कृषि क्षेत्र का नोबल

प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए मिट्टी केंद्रित आइडिया तैयार करते हैं रतन लाल

Publish: Jun 13, 2020, 04:19 AM IST

Photo courtesy : financial express
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भारतीय मूल के मृदा वैज्ञानिक रतन लाल को 2020 के विश्व खाद्य पुरस्कार, world food prize 2020 से पुरस्कृत किया जाएगा। रतन लाल को यह पुरस्कार अमेरिकी संस्था वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन की ओर से दिया गया है। रतन लाल भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। उन्हें मृदा संरक्षण के तकनीकr पर काम करने के लिए ये पुरस्कार दिया जा रहा है। वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन खाद्य पदार्थ की उपलब्धता और गुणवत्ता बढ़ाने के क्षेत्र में काम करने वाला एक संगठन है। डॉ लाल ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि वो पुरस्कार के रूप में प्राप्त होनेवाली $250,000 की राशि को भविष्य के soil research and education को दान देना चाहते हैं।

क्यों मिल रहा है रतन लाल को पुरस्कार?

रतन लाल को यह पुरस्कार जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम करने, प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने वाले खाद्य उत्पादन को बढ़ाने हेतु मार्गदर्शन करने के लिए ये पुरस्कार दिया जा रहा है। डॉ रतन लाल ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में Distinguished Professor हैं और Food, Agricultural, and Environmental Sciences (CFAES) पढ़ाते हैं। बीते पांच दशकों में उन्होंने कृषि तकनीक का विकास करके भूख को कम करने और जमीन की मृदा शक्ति को बढ़ाने में बड़ा योगदान दिया है। अमरीकी संस्था वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन 1987 से ही इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वालों को पुरस्कृत कर रही है।

डॉ लाल का कहना है कि हमारे देश में सबसे उपजाऊ माने जाने वाले पंजाब, हरियाणा, मध्य भारत, राजस्थान और दक्षिण भारत में मिट्टी के ऊपरी सतह में organic matter content काफी कम हो गया है। और जब खेती अस्वस्थ स्वॉयल में होती है तो उत्पाद की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।  और उसकी पौष्टिकता भी प्रभावित होती है। 

डॉ लाल का कहना है कि भारत में Soil protection policy की जरूरत है। और हमें राष्ट्रीय स्तर पर हर पांच साल में soil health assessment report जारी करना चाहिए। हम किसी भी अन्य देस की तरह अपना उत्पुादन बढ़ा सकते हैं और हमें बढ़ाना भी चाहिए, लेकिन हमारे देश में स्व़ॉयल हेल्थ की हालत बहुत खराब है। हमने अबतक वेरायटी पर ज़ोर दिया है लेकिन अगर हमारी उर्वरा शक्ति ही कमज़ोर होगी तो हम कुछ नहीं कर सकते। 

डॉ लाल को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी soil health movement का आह्वान कर एक आंदोलन खड़ा कर सकते हैं। ये हमारी संस्कृति के भी अनुरूप होगा और हम हमेशा मातृभूमि की सेवा की बात करते हैं, तो ये अपनी मातृभूमि की सेवा का सबसे बेहतर तरीका होगा।