MP: कर्ज़ वसूली के लिए कृषि भूमि कब्जा सकेंगे बैंक, नया कानून बनाने की तैयारी में शिवराज सरकार

मध्य प्रदेश में किसानों से कर्ज़ वसूली के लिए कठोर नियम बनाने जा रही है शिवराज सरकार, बैंकों ने दिया कृषि भूमि कुर्क करने का प्रस्ताव, जल्द होगा फैसला, कांग्रेस ने बताया किसानों की जमीन कॉरपोरेट को देने की साजिश

Updated: Apr 16, 2022, 08:42 AM IST

Photo Courtesy: Indiaspend
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भोपाल। कर्ज़ के कुचक्र में फंसे मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बुरी खबर है। शिवराज सरकार अब कर्ज़ वसूली के लिए कठोर नियम बनाने की तैयारी में है। कानून लागू होने के बाद कर्ज़ रिकवरी के लिए बैंक कृषि भूमि पर भी कब्जा कर सकेंगे। कांग्रेस ने इसे किसानों की जमीन कॉरपोरेट को सौंपने का षड्यंत्र करार दिया है।

दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बैंकों की बैठक हुई थी। इस बैठक में बैंकों ने कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार अपने स्टेट रिकवरी एक्ट में जरूरी संशोधन करे, ताकि किसानों से वसूली ज्यादा कारगर ढंग से हो सके। बैंकों ने इसके लिए कृषि भूमि कुर्की का प्रस्ताव सरकार को दिया है। बताया जा रहा है की सरकार जल्द ही बैंकों के साथ अगले चरण की बैठक करेगी और इसपर आधिकारिक मुहर लग जाएगा।

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वर्तमान में किसानों पर कितना भी कर्जा हो जाए बैंक उनका कृषि भूमि कुर्क नहीं कर सकते हैं। भले ही मकान कुर्क कर लें या जेल भेज दें, लेकिन किसान का खेत कुर्क नहीं कर सकते। अब राज्य सरकार यदि बैंकों का प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है तो बैंक किसानों का खेत नीलाम करना शुरू कर देंगे।

कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार शंकर सिरोही ने इस मामले में शिवराज सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। सिरोही कहा कि, 'काले कृषि कानूनों के खात्मे के बाद अब बीजेपी सरकार किसानों के खिलाफ फिर से षड्यंत्र करने में जुट गई है। बीजेपी का एक ही मकसद है की किसानों से जमीन छीनकर अपने कॉरपोरेट मित्रों को सौंप दिया जाए। इसीलिए अब मध्य प्रदेश के बैंकों को कृषि भूमि पर कब्जे की अनुमति देने की तैयारी हो रही है।'