कृषि विधेयक लोकसभा में पास, एमएसपी पर आशंका बरकरार

Agriculture Reform Ordinances: तीन कृषि विधेयकों पर आशंकाओं के चलते अकाली दल और एनडीए में दरार, विपक्ष ने कहा मोदी सरकार किसान विरोधी

Updated: Sep 18, 2020, 11:16 PM IST

नई दिल्ली। किसानों और विपक्ष के कड़े विरोध और एनडीए में विवाद गहराने के बाद भी लोकसभा में तीन विवादास्पद कृषि विधेयक पारित हो गए हैं। गुरुवार को लोकसभा ने दो विधेयकों को पारित किया जबकि एक मंगलवार को पारित किया जा चुका है। मोदी सरकार के इस निर्णय से नाराज़ शिरोमणि अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है। विधेयकों के पारित हो जाने के बाद भी उपज पर समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। 

लोकसभा ने कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 तथा कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 पारित किया है। आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, 2020 मंगलवार को पारित हो गया था। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने लोकसभा में कहा कि नए विधेयक किसान विरोधी नहीं हैं और ये किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाएंगे। 

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विधेयक पारित करते हुए बीजेपी सरकार ने कहा है कि अब किसान बेहतर मूल्य पर अपने कृषि उत्पाद को अपनी पसंद के बाजार में बेच सकते हैं। किसान उपज से खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियों, थोक और फुटकर विक्रेताओं और निर्यातकों आदि के साथ सीधे करार या व्यावसायिक समझौता कर सकेंगे। वहीं, विपक्षी दलों ने इन विधेयकों को छोटे किसानों के लिए नुकसानदायक करार देते हुए विधेयकों को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की थी।

एमएसपी पर स्थिति स्पष्ट नहीं: पी चिदंबरम 

विरोध के बाद भी कृषि अध्यादेश पारित करने पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किए हैं कि दो किसान संबंधी अध्यादेशों को लोकसभा ने अनुमोदित कर दिया है। पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह जनता और सरकार के बीच की दूरी को प्रदर्शित करता है! अध्यादेशों में गंभीर दोष यह है कि वे यह निर्धारित नहीं करते हैं कि किसान को जो कीमत मिलेगी 'वो एमएसपी से कम नहीं होगी'। राज्यों से परामर्श नहीं किया गया। बीजेपी सरकार द्वारा यह कानून पारित करना राज्यों के अधिकार और संघवाद लिए एक बड़ा झटका है। तमिलनाडु में किसानों ने मुझे बताया कि वे 1150 रुपये के एमएसपी के मुकाबले निजी व्यापारियों को 850 रुपये में धान बेच रहे हैं। राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करना होगा।

किसानों से साथ खड़े होने पर गर्व: हरसिमरत कौर

इसके पहले मोदी सरकार द्वारा किसानों की बात नहीं सुने जाने से नाराज़ केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफ़ा देते हुए ट्वीट किया है कि मैंने केंद्रीय मंत्री पद से किसान विरोधी अध्यादेशों और बिल के ख़िलाफ़ इस्तीफ़ा दे दिया है. किसानों की बेटी और बहन के रूप में उनके साथ खड़े होने पर गर्व है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को ही इस्तीफा मंजूर कर लिया।

उन्होंने अपने इस्तीफ़े में लिखा है कि किसानों की आशंकाओं को दूर किए बिना ही सरकार ने बिल पास कर रही है। शिरोमणि अकाली दल किसानों के हितों के ख़िलाफ किसी भी मुद्दे का हिस्सा नहीं हो सकता है। इसलिए केंद्रीय मंत्री के तौर पर अपनी सेवा जारी रखना मेरे लिए असभंव है।