इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में उत्सर्जित कर सकते हैं 1850 गुना ज्यादा कण, अध्ययन में दावा

इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारंपरिक पेट्रोल और डीजल कारों की तुलना में पर्यावरण के लिए बेहतर हैं। क्योंकि वे कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पैदा करते हैं। हालाँकि, उत्सर्जन डेटा का विश्लेषण करने वाली कंपनी एमिशन एनालिटिक्स का एक हालिया अध्ययन इस विचार को चुनौती देता है।

Publish: Mar 08, 2024, 11:08 AM IST

जैसे-जैसे विश्वभर में लोग जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंतित हो रहे हैं, वैसे वैसे पर्यावरण-अनुकूल परिवहन विकल्पों में रुचि बढ़ रही है। बहुत से लोग मानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारंपरिक पेट्रोल और डीजल कारों की तुलना में पर्यावरण के लिए बेहतर हैं। क्योंकि वे कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पैदा करते हैं। हालाँकि, उत्सर्जन डेटा का विश्लेषण करने वाली कंपनी एमिशन एनालिटिक्स का एक हालिया अध्ययन इस विचार को चुनौती देता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के ऑप-एड में छपे अध्ययन के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आधुनिक गैस से चलने वाली कारों की तुलना में ब्रेक और टायरों से ज्यादा मात्रा में पार्टिकुलेट मैटर छोड़ सकते हैं। एमिशन एनालिटिक्स के अध्ययन के मुताबिक, उत्सर्जन 1,850 गुना ज्यादा हो सकता है। जलवायु परिवर्तन के लिए बढ़ती चिंता ने पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी पैदा की है। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि ईवी पेट्रोल और डीजल कारों की तुलना में पर्यावरण के लिए बेहतर हैं क्योंकि वे कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पैदा करते हैं।

एमिशन एनालिटिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ईवी का ज्यादा वजन टायरों के तेजी से खराब होने और हवा में हानिकारक रसायन छोड़ने का कारण बनता है। ज्यादातर टायर कच्चे तेल से हासिल सिंथेटिक रबर से बने होते हैं। पेट्रोल इंजन की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों में भारी बैटरी होती हैं। यह अतिरिक्त वजन ब्रेक और टायरों पर ज्यादा दबाव डालता है। जिससे टायरों की घिसावट बढ़ जाती है।

रिपोर्ट में टेस्ला मॉडल Y और फोर्ड F-150 लाइटनिंग का उदाहरण देते हुए बताया गया है कि दोनों कारों में बैटरियों का वजन लगभग 1,800 पाउंड है। अध्ययन के अनुसार, आधे टन की बैटरी वाली इलेक्ट्रिक कार से टायर के घिसाव से निकलने वाला उत्सर्जन मॉडर्न पेट्रोल कार से निकलने वाले निकास उत्सर्जन से 400 गुना ज्यादा हो सकता है।

एक अन्य विकास में, मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि उबर ने दशक की शुरुआत में 2030 तक अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय शहरों में अपनी 100 प्रतिशत सवारी को इलेक्ट्रिक वाहनों में ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

सीईओ दारा खोस्रोशाही ने फास्ट कंपनी के एक कॉलम में लिखा, "कठोर वास्तविकता यह है कि उबर नीति निर्माताओं और व्यवसायों से मजबूत कार्रवाई के बिना अपने शून्य-उत्सर्जन लक्ष्यों तक नहीं पहुंच पाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "दुर्भाग्य से, ठीक उसी समय जब हमें इस मोड़ के जरिए तेजी लाने की जरूत है, कई सरकारें और वाहन निर्माता धीमे हो रहे हैं।" जब उबर ने 2030 तक प्रमुख बाजारों में 100 प्रतिशत शून्य-उत्सर्जन राइड हासिल करने का लक्ष्य रखा था। तब कंपनी ने अगले साल के आखिर तक चालकों को ईवी में शिफ्ट करने में मदद करने के लिए 800 मिलियन डॉलर का भी योगदान दिया था।