क्या स्तनपान कराने वाली और गर्भवती महिलाओं के लिए सेफ है कोरोना वैक्सीन

ब्रिटेन और अमेरिका में स्तनपान कराने वाली और प्रेगनेंट महिलाएं भी बिना किसी डर के करा रहीं वैक्सीनेशन, भारत में रफ्तार धीमी, डॉक्टरों की सलाह गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी बिना हिचक लगवाना चाहिए कोरोना का टीका

Publish: May 25, 2021, 02:08 PM IST

Photo courtesy: Hackensack Meridian Health
Photo courtesy: Hackensack Meridian Health

देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेजी से जारी है, जिसमें कहीं कम तो कहीं ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। 18 प्लस वैक्सीनेशन और बिना स्लॉट बुकिंग के बाद भी कुछ लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है। गर्भवती महिलाओं को अमेरिका, चीन और ब्रिटेन में बेझिझक वैक्सीन लगाई जा रही है। भारत में गर्भवती महिलाओं में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में करीब 5000 गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर रिसर्च किया गया। इस दौरान डाक्टरों ने पाया कि वैक्सीनेशन के बाद महिलाओं की इम्यूनिटी पहले से काफी मजबूत हो गई थी। डिलिवरी के दौरान जब महिलाओं के गर्भनाल में प्रोटेक्टिव एंटीबाडी मिली। जो कि इस बात का पुख्ता सबूत थी कि बच्चे में भी एंटीबॉडी ट्रांसफर हुई हैं। वहीं स्तन पान कराने वाली महिलाओं द्वारा उनके न्यूबॉर्न बेबी को भी पर्याप्त सुरक्षा कवच एंटीबॉडी के जरिए मिला है।

 वहीं सामान्य लोगों की ही तरह गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी वैक्सीनेशन के बाद हल्का फीवर, उल्टी या चक्कर जैसे लक्षण हो सकते हैं, इससे घबराना नहीं चाहिए। उनका उपचार करना चाहिए क्योंकि वे अस्थाई लक्षण होते हैं और कुछ ही घंटो में दूर हो जाते हैं।

वहीं अगर कोई कपल बच्चा प्लान कर रहा है तो भी उन्हें भी वैक्सीनेशन से परहेज नहीं करना चाहिए। क्योंकि कोई भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कब तक आप कंसीव करने में सफल होंगे और इस बीच कोरोना की चपेट में नहीं आएंगे। इस बारे में फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गाइनकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स (FIGO) भी वैक्सीनेशन से मना नहीं करता। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के एक महीने बाद कपल बच्चे के लिए प्लानिंग कर सकता है।

एक्सपर्ट्स गायनोकोलॉजिस्ट का मानना है कि वैक्सीनेशन से गर्भपात, वक्त से पहले डिलिवरी, बच्चे में जन्मजात रोग, या गर्भ में बच्चे के विकास में कोई परेशानी नहीं आती। अगर किसी को संदेह हो तो गर्भावस्था के चौथे महीने में कोरोना वैक्सीन ली जा सकती है। वहीं यह भी कहा जाता है कि अपने गायनोकोलॉजिस्ट की निगरानी में ही वैक्सीन की डोज लें।

केंद्र सरकार की ओर से देश में फिलहाल स्तमनपान कराने वाली महिलाओं को ही कोरोना वैक्सीनेशन की परमीशन दी गई है। वहीं विशेषज्ञों की राय है कि गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सी नेट करने में कोई दिक्कत नहीं होती है। प्रेगनेंट महिलाओं को भी कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा सकती है।

डाक्टरों का मानना है कि गर्भवती महिलाओं के टीकारण से उनके संक्रमित होने का खतरा कम होता है, वहीं अगर किसी कारणवश कोविड संक्रमण की स्थिति बनती है तो मरीज में सिर्फ माइल्ड लक्षण आते हैं। वह सीरियस नहीं होता है। वहीं पीरिएड्स के दौरान भी वैक्सीन लगवाई जा सकती है।