पौधे भी आपस में करते है बातचीत, जापानी वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा, कैमरा में कैद की गई वीडियो

जापान के वैज्ञानिकों ने एक वीडियो को रिकॉर्ड किया है। इस फुटेज में दो पौधे आपस में 'बातचीत' करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

Updated: Jan 24, 2024, 05:58 PM IST

अगर हम आपसे कहें कि पौधे भी इंसानों की तरह आपस में बातें करते हैं, तो इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? जाहिर है, हमारी बातों पर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा। लेकिन यह बिल्कुल सच है। पौधे भी एक-दूसरे से बातें करते हैं, और वैज्ञानिकों को इसके बारे में 1980 के दशक से ही पता है। ये अविश्वसनीय खोज जापान के वैज्ञानिकों की है, जिसमें पौधों एक-दूसरे से "बातचीत" करते हुए दिखाई दे रही है। दरअसल वैज्ञानिकों ने एक वीडियो को रिकॉर्ड किया है। इस फुटेज में दो पौधे आपस में 'बातचीत' करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वैज्ञानिकों ने ये फुटेज रियल टाइम में कैप्चर किया है। 

साइंस अलर्ट की खबर के अनुसार, पौधे वायु जनित यौगिकों (एयरबोर्न कंपाउंड) की बारीक धुंध से घिरे होते है जिनका इस्तेमाल वो एक दूसरे से बातचीत के लिए करते हैं। इन कंपाउंड के जरिए ही पौधे एक दूसरे को किसी खतरे के समय संदेश भी पहुंचाते हैं। 

ये यौगिक गंध की तरह होते हैं और आस-पास के पौधों को खतरे की चेतावनी देते हैं। जापानी वैज्ञानिकों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो से पता चला है कि पौधे इन हवाई अलार्मों को कैसे प्राप्त करते हैं और उन पर प्रतिक्रिया करते हैं। सैतामा विश्वविद्यालय के आणविक जीवविज्ञानी मासात्सुगु टोयोटा के नेतृत्व में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। टीम के अन्य सदस्यों में पीएचडी छात्र यूरी अरातानी और पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता ताकुया उमुरा शामिल थे।

टीम ने अपने प्रयोग में देखा कि कैसे एक क्षतिग्रस्त पौधा कीड़ों या किसी दूसरे कारण से क्षतिग्रस्त पौधों के जरिए छोड़े गए वीओसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। इस रिसर्च में लेखकों ने जानकारी दी है कि, "पौधे मैकेनिकल रूप से या क्षतिग्रस्त पड़ोसी पौधों के जरिए जारी वीओसी को समझते हैं और अलग-अलग रक्षा प्रतिक्रियाओं के लिए प्रेरित करते हैं। इस तरह का इंटरप्लांट कम्युनिकेशन पौधों को पर्यावरणीय खतरों से बचाता है।"