India and china Faceoff : विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद मेजर जनरल मिले
मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई। छह जून को इसी पर सहमति बनी थी।

भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से टेलीफोन पर बातचीत की है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने बातचीत के दौरान सीमा पर जारी तनाव को कम करने पर सहमति जताई है। इसके बाद गुरुवार सुबह एक बार फिर से भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई। छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी। लेह स्थित 3 इन्फेंट्री डिविजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधित्व का नेतृत्व किया।
Major General-level talks to be held today at 10:30 am to resolve the issues related to the violent face-off in Galwan area on June 15-16: Indian Army sources pic.twitter.com/vCAMZzZedr
— ANI (@ANI) June 18, 2020
गौरतलब है कि पिछले एक महीने से पूर्वी लद्दाख के गलवान क्षेत्र को लेकर भारत और चीन में सीमा पर तनातनी जारी है। सोमवार देर रात को भारत और चीनी सेना में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत के बीस जवान वीर गति को प्राप्त कर शहीद हो गए। जिसके बाद से ही सीमा पर स्थिति काफी गंभीर हो गई है। ऐसे में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने तनाव कम करने और सीमा पर स्थिति को नियंत्रण में करने के उद्देश्य से टेलीफोन बातचीत की है।
हिंसा और मौतों के लिए चीन ज़िम्मेदार
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि सीमा पर सोमवार रात हुई हिंसा और मौतों के लिए चीन पूर्णतः ज़िम्मेदार है। एस जयशंकर ने कहा कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सोची समझी रणनीति के तहत हिंसक रुख अख्तियार किया। इसलिए सीमा पर जवानों की शहादत के लिए चीन पूर्ण रूप से ज़िम्मेदार है। एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री को स्पष्ट तौर पर चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करने की नसीहत दे डाली। इसके साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समक्ष को चेतावनी भरे स्वर में सीमा पर कोई भी एकतरफा कार्रवाई करने से बचने की हिदायत दे दी।
जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री को कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पार भारत की ओर एक ढांचा बनाना चाहता था। जो कि विवाद का कारण बन गया। एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री को यह याद दिलाते हुए कहा कि 6 जून को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच सीमा पर तनाव कम करने का समझौता हुआ था जिसे चीन ने तोड़ कर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को बढ़ा दिया। ऐसे में विदेश मंत्री जयशंकर ने वांग यी को कड़े स्वर में अपना विरोध जताते हुए सीमा पर तनाव कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है।
चीन ने बातचीत में अपना पक्ष रखा
बातचीत के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पार कर चीन पर हमला किया। चीनी विदेश मंत्री ने भारत से इस घटना की जांच कराने की मांग की। और इसके लिए दोषी सैन्य अधिकारियों को दण्ड देने की बात की। चीनी विदेश मंत्री ने भी बात को कड़े स्वर में कहा कि भारत को चीनी पक्ष को कम कर के आंकने की भूल नहीं करना चाहिए।
हालांकि टेलीफोन पर हुई बातचीत के अंत में दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बहाल करने पर सहमति बन गई। और इसके साथ ही दोनों पक्षों ने 6 जून को सैन्य कमांडरों के बीच हुई बातचीत पर बनी सहमति को क्रियान्वित करने पर ज़ोर दिया।