MP विधानसभा में जंगल सत्याग्रह फिल्म का प्रीमियर, दिग्विजय सिंह ने आदिवासी नायकों को किया नमन

यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि कैसे मध्यप्रदेश के आदिवासी नायकों ने 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कर अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे दी: दिग्विजय सिंह

Updated: Jan 13, 2025, 02:37 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के बैतूल में आदिवासी नायकों ने सन 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जल, जंगल और जमीन के लिए संघर्ष किया था। इस आंदोलन की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म 'जंगल सत्याग्रह' का सोमवार को भोपाल में प्रीमियर शो दिखाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा विधानसभा के ऑडिटोरियम में इस फिल्म का प्रीमियर शो रखा गया था।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने कहा कि आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का अहम योगदान है। जंगल सत्याग्रह उनके संघर्ष की कहानी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में एससी-एसटी वर्ग द्वारा आजादी के आंदोलन में सबसे बड़ा योगदान जंगल सत्याग्रह का रहा है। अंग्रेजी हुकूमत ने वन संपदा लूटने का नियम लाया था, जिसके खिलाफ यह आंदोलन शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी भी गरीबों में एससी-एसटी बाहुल्य हैं। कांग्रेस सरकार ने इस वर्ग को अधिकार दिए। प्राकृतिक संपदा का पहला हक उन्हीं का है। 

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सिंह ने कहा कि जंगल सत्याग्रह फिल्म केवल एक फिल्म नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश के आदिवासी नायकों के अदम्य साहस, त्याग और स्वाभिमान की जीवंत गाथा है। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि कैसे मध्यप्रदेश के आदिवासी नायकों ने 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कर अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे दी। सिंह ने बताया कि फिल्म में बैतूल अंचल के क्रांतिकारी आदिवासी नायक सरदार गंजन सिंह कोरकू, सरदार विष्णु सिंह गोंड, ठाकुर मोहकम सिंह, रामजी कोरकू एवं जुगरू गोंड के अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष को दिखाया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा आयोजित ‘जंगल सत्याग्रह’ फिल्म के प्रीमियर में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह उइके सहित कांग्रेस के अन्य विधायक गण मौजूद रहे।

बता दें कि मध्य प्रदेश का जंगल सत्याग्रह वर्ष 1930 में घोड़ाडोगरी क्षेत्र में आदिवासियों ने प्रारम्भ किया। जंगल सत्याग्रह महात्मा गांधी द्वारा प्रारंभ किए गए नमक सत्याग्रह से प्रेरित था। यह आंदोलन बैतूल, बंजारी, ढाल, छिंदवाड़ा, ओरछा, सिवनी, टूरिया, घुनघटी और हरदा के जंगलों में व्यापक रूप से हुआ था। खास बात ये है कि इस फिल्म में पूर्व पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे, कांग्रेस विधायक धरमू सिंह ने भी भूमिका अदा की है। पूर्व मंत्री पांसे इसमें बिहारीलाल पटेल की भूमिका में नजर आए तो धरमू सिंह स्वतंत्रता सेनानी मोहकम सिंह के पिता की भूमिका में हैं।