गलवान घाटी पर चीन का कब्जा
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पूछा है कि क्या मोदी सरकार भारतीय दावे को खारिज कर यथास्थिति बहाल करने की मांग करेगी
चीन ने एक बार फिर से पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा ठोका है। चीनी विदेश मंत्रालय ने घाटी पर अपनी संप्रभुता का दावा करते हुए कहा है कि वहां उसके सैनिक कई वर्षों से गश्त लगा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को कमांडर स्तर की बातचीत बाद बुधवार को फिर से चीनी सैनिकों ने पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर टेंट लगा दिया है। मामले पर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या मोदी सरकार भारतीय दावे को खारिज कर यथास्थिति बहाल करने की मांग करेगी ?
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा की गलवान घाटी पर चीनी संप्रभुता है और चीन के सैनिक वर्षों से इन इलाकों में गश्त लगा रहे हैं। जबकि मंगलवार को ही भारत व चीन की फौजें हॉट स्प्रिंग और पांगोंग त्सो में पीछे हटने को राजी हो गई थी। लेकिन सेटेलाइट फोटोज व इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि चीनी सैनिक दुबारा भारत के इलाके में आ गए हैं और अपना टेंट स्थापित कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने अपने सैनिकों के रहने के लिए स्थायी ठिकाना बनाना चालू कर दिया है वहीं पेट्रोलिंग पॉइंट 14 में भी कंस्ट्रक्शन कार्य तेज कर दिए हैं। चीन के इस हरकत से आने वाले समय में एक बार फिर से सीमा पर तनाव बढ़ने की आशंका है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी सेना ने डेपसंग प्लेन्स के Y जंक्शन व बोटलनेक एरिया में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी है। चीनी सैनिकों के पास भारी वाहन व विशेष सैन्य उपकरण भी है। बोटलनेक का इलाका एलएसी के 18 किलोमीटर अंदर भारत की तरफ पड़ता है वहीं चीन उस पूरे इलाके को अपना बता रहा है।
मामले पर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र की एनडीए सरकार से जवाब मांगा है। चिदंबरम ने गुरुवार को ट्वीट कर पूछा है कि क्या मोदी सरकार भारतीय दावे को खारिज कर यथास्थिति बहाल करने की मांग करेगी ? उन्होंने कहा, 'चीनी विदेश मंत्रालय और पीएलए ने एक बार फिर पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा करते हुए भारत से उसे खाली करने को कहा है। यह असाधारण मांग है। क्या बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार एक बार फिर से भारत के दावे को दृढ़ता पूर्वक सामने रखेगी और मांग करेगी कि “यथास्थिति” बहाल होनी चाहिए? पीएम ने जो कहा उसके विपरीत, यह निर्विवाद है कि चीनी सैनिकों द्वारा अप्रैल-जून 2020 में यथास्थिति बदल दी गई। लोग देख रहे हैं कि क्या मोदी सरकार यथास्थिति बहाल करने में सफल होगी।'
Foreign Ministry and PLA of China once again assert their claim to the entire Galwan Valley and demand that India should vacate the Valley. Extraordinary demand!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 25, 2020