नाक के जरिए सीधे दिमाग में घुस सकता है कोरोना

जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस नाक के जरिए दिमाग में प्रवेश कर सकता है

Updated: Dec 01, 2020, 01:23 PM IST

Photo Courtesy: CTV News
Photo Courtesy: CTV News

एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस लोगों की नाक से उनके दिमाग में प्रवेश कर सकता है। नेचर न्यूरोसाइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, सार्स-सीओवी-2 ना सिर्फ श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है बल्कि केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र पर भी प्रभाव डालता है। जिससे अलग-अलग 'न्यूरोलॉजिकल लक्षण जैसे सूंघने, स्वाद पहचानने की शक्ति में कमी आना, सिर दर्द, थकान और चक्कर आदि दिखने लगते हैं।     

जानकारों के अनुसार इस स्टडी के निष्कर्ष की सहायता से अब यह पता लगाना संभव हो सकेगा कि कोविड-19 बीमारी के दौरान मरीजों में 'न्यूरोलॉजिकल लक्षण क्यों उभर रहे हैं और उनका इलाज कैसे किया जाए। हालांकि ताजा अध्ययन में मस्तिष्क में वायरल आरएनए और सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड की मौजूदगी की बात की गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वायरस कहां से प्रवेश करता है और कैसे फैलता है।

जर्मनी स्थित चारिटे विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी स्टडी में गले के ऊपरी हिस्से से लेकर नाक तक का परीक्षण किया।अध्ययन में कोविड-19 से मरने वाले 33 मरीजों को शामिल किया गया। उनमें से 11 महिलाएं और 22 पुरुष थे। उन्होंने बताया कि मरने वालों की औसत आयु 71.6 साल थी। वहीं कोविड-19 के लक्षण दिखने से लेकर उनकी मृत्यु तक का औसत समय 31 दिन रहा है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि उन्हें मस्तिष्क और श्वसन नली में सार्स-सीओवी-2 आरएनए (वायरस का जेनेटिक मेटेरियल) और प्रोटीन मिले हैं।