हांगकांग की नेता ने चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का समर्थन किया

हांगकांग की नेता कैरी लाम ने हांगकांग की स्थिरता बनाए रखने के लिए कानून को बताया जरूरी

Publish: Jul 02, 2020, 04:48 AM IST

पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग को चीन को सौंपे जाने की तेईसवीं वर्षगांठ के मौके पर दिए गए भाषण में हांगकांग की नेता कैरी लैम ने यहां चीनी सरकार के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का मजबूती से समर्थन किया। लैम ने ध्वजारोहण समारोह और चीन का राष्ट्रगान बजने के बाद कहा कि हांगकांग की स्थिरता को बनाए रखने के लिए यह फैसला आवश्यक था और समय रहते हुए लिया गया। यह कानून अलगाववादी, विध्वंसक या आतंकवादी गतिविधियों को गैरकानूनी बनाने के साथ ही शहर के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को रोकता है।

इस बीच लोकतंत्र समर्थक राजनीतिक दल ‘द लीग ऑफ सोशल डेमोक्रेट्स’ ने लैम के भाषण से पहले एक प्रदर्शन मार्च निकाला। इसमें भाग लेने वाले लोगों ने राजनीतिक सुधार और कथित पुलिस अत्याचारों की जांच की पिछले साल हुए प्रदर्शनों में उठी मांगों को दोहराते हुए नारे लगाए। इस दौरान पुलिस ने नए कानून के तहत शहर में पहली गिरफ्तारी की। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति पर पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हांगकांग की आजादी का पोस्टर दिखाने का आरोप लगाया। पुलिस बल ने एक बयान जारी कर कहा कि हांगकांग को चीन से अलग करने या तिब्बत, शिनजियांग और ताइवान के लिए आजादी का समर्थन करने वाले बैनर लहराना गैरकानूनी माना जाएगा। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अब तक 180 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। 

 


इस कानून में पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वालों पर कार्रवाई संबंधी प्रावधान शामिल हैं। प्रदर्शनों में सरकार के कार्यालयों और पुलिस थानों पर हमला, सबवे स्टेशनों को नुकसान पहुंचना और शहर का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बंद करना शामिल है।

 

यह कानून ऐसे समय में पारित हुआ है जब हांगकांग की विधायिका ने जून में चीन के राष्ट्रगान का अपमान करना गैरकानूनी घोषित किया था। नया कानून हांगकांग के आरोपियों को चीन प्रत्यर्पित करने की भी अनुमित देगा। पिछले साल आरोपियों के प्रत्यर्पण को लेकर ही हांगकांग में प्रदर्शन शुरू हुए थे।

वैश्विक आक्रोश और पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग में नाराजगी के बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 30 जून को उस विवादित सुरक्षा कानून पर हस्ताक्षर कर दिए जो हांगकांग के संबंध में बीजिंग को नई शक्तियां प्रदान करता है। इस कानून की वजह से लोगों में डर है कि इसका इस्तेमाल हांगकांग की अर्धस्वायत्ता को खत्म करने और विरोध की आवाजों को दबाने के लिए किया जाएगा।

वहीं अमेरिका ने हांगकांग में विवादित नए सुरक्षा कानून को लागू करने के कदम को लेकर चीन की आलोचना की। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि यह इस क्षेत्र के लोगों के लिए ‘‘दुखद दिन’’ है और उन्होंने बीजिंग को इसके नतीजे भुगतने की चेतावनी दी।

पोम्पिओ ने 30 जून को कड़े शब्दों में दिए बयान में कहा, ‘‘हांगकांग में कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का फैसला इस क्षेत्र की स्वायत्तता को नष्ट करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हांगकांग ने दुनिया को दिखाया कि आजाद चीनी लोग क्या हासिल कर सकते हैं - यह दुनिया में सबसे सफल अर्थव्यवस्थाओं और गतिशील समाजों में से एक है।’’

पोम्पिओ ने कहा कि लेकिन बीजिंग के अपने ही लोगों की महत्वाकांक्षाओं के ‘डरने’ से इस क्षेत्र की सफलता की नींव कमजोर हुई है जिसने ‘एक देश, दो व्यवस्था’ को ‘एक देश, एक व्यवस्था’ में बदल दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज हांगकांग और चीन के आजादी पसंद लोगों के लिए दुखद दिन है।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका हांगकांग के आजादी पसंद लोगों के साथ खड़ा रहेगा और भाषण, प्रेस तथा एकत्रित होने की आजादी के साथ-साथ कानून की व्यवस्था पर बीजिंग के हमलों का जवाब देगा।

अमेरिका ने इस क्षेत्र को दी विशेष व्यापार सुविधाओं को खत्म करना शुरू कर दिया है। ट्रंप प्रशासन ने यह भी कहा कि वह हांगकांग को रक्षा निर्यात भी बंद करेगा। वहीं यूरोपीय संघ ने इस कानून को चीन की तरफ से उठाया गया खेदजनक कदम बताते हुए प्रतिक्रिया में चीन के ऊपर संभावित कार्रवाई पर चर्चा शुरू कर दी है।

कांग्रेस ने हांगकांग में पुलिस अधिकारियों समेत राजनीतिक दमन से जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाने की ओर भी कदम बढ़ाए हैं जबकि ब्रिटेन ने कहा कि वह हांगकांग की 75 लाख की आबादी में से करीब 30 लाख लोगों को नागरिकता दे सकता है।

दूसरी ओर चीन ने कहा कि वह उन अमेरिकियों पर वीजा पाबंदियां लगाएगा जिन्हें हांगकांग के मामले में हस्तक्षेप करते हुए पाया जाएगा। चीन का कहना है कि यह उसका आंतरिक मामला है और इसमें दूसरे देशों को दखल नहीं देना चाहिए।