India and china dispute लेफ्टिनेंट जनरल स्‍तर की बातचीत 6 जून को

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए पहली बार होगी लेफ्टिनेंट जनरल लेवल के सेना अधिकारियों की बातचीत

Publish: Jun 04, 2020, 01:39 AM IST

Photo courtesy : economictimes
Photo courtesy : economictimes

भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच छः जून को लेफ्टिनेंट स्तर की बातचीत होने की सूचना है। भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह अपने चीनी समकक्ष से मसले पर वार्ता करेंगे। काफी समय से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे विवाद को सुलझाने की दिशा में इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। यह पहली बार है जब भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल के सेना अधिकारियों की बातचीत होगी। तनातनी के बीच दोनों देशों ने सीमा पर भारी मात्रा में सैन्य बल लगाए हुए हैं।

गौरतलब है कि मंगलवार को भी दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने अपनी बातें रखी। इस दौरान बैठक में कोई ठोस हल न निकलने के वजह से बैठक बेनतीजा रही। वहीं इसके पहले ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत की कोशिश भी की गई थी लेकिन वह प्रयास भी असफल होने के बाद अब लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत करने का निर्णय लिया गया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। LAC पर विवाद को लेकर इस वार्ता को कूटनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है।

यह गतिरोध दरअसल पिछले महीने के 5 मई से ही शुरू है जब दोनों देशों के सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई थी। उस दौरान चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों को कुछ घंटों के लिए बंधक बनाने की भी खबर आई थी। हालांकि भारतीय सेना ने इस बात को खारिज करते हुए कहा था कि ऐसा नहीं हुआ है और यह बिल्कुल अफवाह है। यह विवाद मुख्य रूप से LAC के तीन जगहों पर है जिसमें गलवान घाटी, फिंगर फोर और हॉट स्प्रिंग इलाका शामिल है। बताया जा रहा है की लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके में तनाव बढ़ रहा है।

अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियोने हाल में ही कहा था कि चीन LAC पर सैन्य बल बढ़ा रहा है। इसकी पुष्टि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी की है। उन्होंने कहा है कि चीन सरहद पर सैन्य बल को बढ़ा रहा है वहीं भारतीय सेना के जवान भी वहां काफी संख्या में मौजूद हैं। इलाके में सुखोई और तेजस जैसे लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे हैं ताकि चीन पर नजर रखी जा सके। उन्होंने बताया कि चीन के आपत्ति के बावजूद निर्माण कार्यों को रोका नहीं गया है बल्कि भारत ने उसे और तेज किया है।

इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी बात की है। तकरीबन 25 मिनट के इस टेलिफोनिक बातचीत के दौरान ट्रंप ने अमेरिका में होने वाली अगली G-7 समिट में आने के लिए न्योता दिया है। बता दें कि इसके पहले ट्रंप ने 10-12 जून को होने वाले इस समिट में भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को शामिल करने की जरूरत बताते हुए सितंबर तक के लिए टाल दिया था।