कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों ने तिरंगे का किया अपमान, भारत विरोधी अवैध रेफरेंडम भी कराया
कनाडा के ओटावा में SFJ के अवैध खालिस्तान जनमत संग्रह के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने तिरंगे का अपमान किया और भारतीय प्रधानमंत्री समेत शीर्ष नेताओं पर हिंसक नारे लगाए। आयोजन में हजारों लोग शामिल हुए। भारत ने इसे संप्रभुता पर हमला बताया। इसी बीच भारत–कनाडा ने अटकी ट्रेड डील पर बातचीत फिर शुरू की है।
कनाडा। कनाडा की राजधानी ओटावा में रविवार को खालिस्तान समर्थक जुटान के दौरान भारतीय ध्वज का अपमान और भारतीय प्रधानमंत्री तथा शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ हिंसक नारेबाजी का मामला सामने आया है। घटना उस समय हुई जब सिख फॉर जस्टिस नामक प्रतिबंधित संगठन ने मैकनैब कम्युनिटी सेंटर में कथित खालिस्तान जनमत संग्रह आयोजित किया।
इस आयोजन में शामिल समर्थकों ने मार डालो–मार डालो जैसे नारे लगाते हुए भारतीय पीएम, गृह मंत्री और अन्य नेताओं के खिलाफ उकसाने वाली बातें कीं। प्रदर्शन के दौरान पीले रंग के खालिस्तानी झंडों के साथ हजारों लोग दो किलोमीटर से भी लंबी कतार में खड़े दिखाई दिए। यह वोटिंग न तो आधिकारिक थी और ना ही कानूनी लेकिन समर्थकों के बीच इसे रेफरेंडम कहा जा रहा था।
SFJ के मुताबिक, ओंटेरियो, अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलंबिया और क्यूबेक से करीब 53,000 से अधिक खालिस्तान समर्थक वोट डालने पहुंचे थे। भीड़ में बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग तक शामिल थे। इस दौरान विदेश से सैटेलाइट लिंक के जरिए SFJ प्रमुख और आतंकवादी घोषित गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी भीड़ को संबोधित किया और भारत विरोधी बातें दोहराईं।
खालिस्तानियों ने भारत सरकार और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की हालिया मुलाकात पर भी सवाल खड़ा किया। कार्नी और पीएम मोदी की दक्षिण अफ्रीका में आयोजित G-20 समिट में हुई मुलाकात का हवाला देते हुए SFJ ने आरोप लगाया कि जब कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियां जारी हैं तो कनाडाई पीएम को भारतीय प्रधानमंत्री से क्यों मिलना पड़ा।
भारत सरकार ने इस आयोजन को अवैध और भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया है। भारत का कहना है कि कनाडा की जमीन का इस्तेमाल भारत को अस्थिर करने और विभाजनवादी एजेंडा फैलाने के लिए किया जा रहा है। इससे पहले भी कनाडा में भारतीय ध्वज और नेताओं का अपमान किया जा चुका है।
मार्च 2024 में कॅलगरी में खालिस्तानियों ने तलवार और भाले से भारतीय तिरंगे को फाड़ दिया था। उस समय पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के तस्वीरों के नीचे हिंदू आतंकवादी लिखकर प्रदर्शन किया गया था। अप्रैल 2025 की बैसाखी परेड में सरे शहर में तिरंगे को जमीन पर घसीटा गया था। नवंबर 2025 की शुरुआत में मॉन्ट्रियल में 500 से अधिक कारों की रैली में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। वहीं, 15 नवंबर को ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पटनायक के आवास के बाहर कार रैली निकाली गई थी जिसमें एयर इंडिया बम विस्फोट केस के दोषी संतोख सिंह खेला भी शामिल रहा था।
दूसरी तरफ इसी तनाव के बीच भारत और कनाडा ने दो साल से अटकी ट्रेड डील पर फिर से बातचीत शुरू करने की घोषणा की है। जोहांसबर्ग में G-20 समिट के दौरान हुई मुलाकात में दोनों देशों ने व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है। भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा,"लक्ष्य है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 50 अरब डॉलर यानी करीब ₹4.45 लाख करोड़ तक पहुंचाया जाए।" इस दौरान क्रिटिकल मिनरल्स, उनकी प्रोसेसिंग तकनीक और न्यूक्लियर एनर्जी सहयोग पर खास ध्यान रखने की बात भी कही गई। कनाडाई पीएम मार्क कार्नी ने भी सोशल मीडिया पर दावा किया कि नया ट्रेड फ्रेमवर्क दोनों देशों के बीच व्यापार को 70 अरब कनाडाई डॉलर से आगे ले जा सकता है। बता दें कि कनाडा पहले से भारत को यूरेनियम सप्लाई कर रहा है।




