Corona Vaccine : ऑक्सफोर्ड का वैक्सीन Safe
पहले चरण में जिनको टीके लगाए गए, उनमें 56 दिनों तक मजबूत एंटीबॉडी और टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं उत्पन्न हुईं।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन सुरक्षित है और शरीर के भीतर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्पन्न करता है। इसके शोध में लगे वैज्ञानिकों ने ह्यूमैन ट्रायल के पहले चरण के बाद यह घोषणा की। इस परीक्षण के पहले चरण के तहत अप्रैल और मई में ब्रिटेन के पांच अस्पतालों में 18 से 55 वर्ष की आयु के 1,077 स्वस्थ वयस्कों को टीके की खुराक दी गई थी और उनके परिणाम मेडिकल जर्नल ‘लांसेट’ में प्रकाशित किए गए हैं। परिणाम बताते हैं कि जिनको टीके लगाए गए, उनमें 56 दिनों तक मजबूत एंटीबॉडी और टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं उत्पन्न हुईं। सालों तक वायरस से सुरक्षित रखने के लिए टी-सेल महत्वपूर्ण हैं। घातक कोरोना वायरस अब तक दुनियाभर में 1.45 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है और छह लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।
निष्कर्षों को आशाजनक माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह पता लगाना बहुत जल्दीबाजी होगी कि क्या यह सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि बड़े स्तर पर अब भी परीक्षण चल रहे हैं।
Oxford’s Covid-19 vaccine produces a good immune response, reveals new study.
— University of Oxford (@UniofOxford) July 20, 2020
Teams at @VaccineTrials and @OxfordVacGroup have found there were no safety concerns, and the vaccine stimulated strong immune responses: https://t.co/krqRzXMh7B pic.twitter.com/Svd3MhCXWZ
शोध की सह-लेखिका प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने कहा, ‘‘इससे पहले कि हम यह पुष्टि कर सकें कि हमारी वैक्सीन कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद करेगी, अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है, लेकिन ये शुरुआती नतीजे उम्मीद पैदा कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चरण तीन परीक्षणों में अपने टीके का परीक्षण जारी रखने के साथ-साथ, हमें वायरस के बारे में और अधिक जानने की आवश्यकता है- उदाहरण के लिए, हम अब भी यह नहीं जानते हैं कि सार्स-कोव-2 संक्रमण से प्रभावी रूप से बचाव के लिए हमें एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कितना मजबूत करने की आवश्यकता है। यदि हमारा टीका प्रभावी है, तो यह एक आशाजनक विकल्प है क्योंकि इस प्रकार के टीके का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जा सकता है।’’
परीक्षणों में लगे वैज्ञानिकों ने पाया कि एक दूसरी खुराक के बाद प्रतिक्रिया और भी अधिक हो सकती है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के मुख्य रिसर्चर और शोध के सह-लेखक प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, ‘‘हमारे कोरोना वायरस टीके के चरण I/II डेटा से पता चलता है कि टीके ने कोई अप्रत्याशित प्रतिक्रिया नहीं दी है और इस प्रकार के पिछले टीकों के लिए इसी तरह की सुरक्षा प्रोफ़ाइल थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 10 प्रतिभागियों में सबसे मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देखी, जिन्हें टीके की दो खुराक दी गई थी, जो यह दर्शाता है कि यह टीकाकरण के लिए एक अच्छी रणनीति हो सकती है।’’
टीके के विकास में तेजी लाने में मदद करने के लिए 8.4 करोड़ पाउंड की सरकारी धनराशि से परियोजना को गति मिली है।
ब्रिटेन के व्यापार मंत्री आलोक शर्मा ने कहा, ‘‘आज के परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं, यह हमें ब्रिटेन और दुनिया भर में करोड़ों लोगों की सुरक्षा के लिए एक सफल टीका खोजने के लिए एक कदम और करीब ले जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, वैक्सीन के विकास और निर्माण के लिए 8.4 करोड़ पाउंड के सरकारी निवेश से मदद मिली है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जिस फुर्ती और गति के साथ काम कर रहा है, वह शानदार है। उन्होंने अब तक जो भी हासिल किया है, मुझे उस पर बहुत गर्व है।’’
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ब्रिटेन की वैश्विक बायोफार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविड-19 वैक्सीन के विकास, बड़े पैमाने पर निर्माण और टीके के संभावित वितरण के लिए काम कर रहा है।
एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्युटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट के कार्यकारी उपाध्यक्ष मेने पंगलोस ने कहा, ‘‘हम चरण I/II के अंतरिम डेटा से काफी उत्साहित हैं, जिसमें ‘एजेडडी1222’ को सार्स-कोव-2 के खिलाफ एक तेजी से एंटीबॉडी और टी-सेल प्रतिक्रिया पैदा करने में सक्षम दिखाया जा रहा है।’’
ब्रिटेन के वैक्सीन टास्कफोर्स के अध्यक्ष केट बिंघम ने कहा, ‘‘ब्रिटेन भाग्यशाली है कि हमारे पास ऐसे उत्कृष्ट अकादमिक रिसर्चर हैं, जो एस्ट्राजेनेका की अत्यधिक अनुभवी वैश्विक टीम के साथ मिलकर शानदार काम कर रहे हैं।’’
ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार हो रहे टीकों की नौ करोड़ खुराक खरीदने के संबंध में उसने समझौतों पर दस्तखत किए हैं। हालांकि, ब्रिटेन की कुल आबादी 6.6 करोड़ है।
शर्मा ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर टीका तैयार करने का प्रयास चल रहा है और हमने ब्रिटेन के नागरिकों को जल्द से जल्द असरदार टीका मुहैया कराने के प्रयासों के तहत यह कदम उठाया है। दुनिया की अग्रणी दवा और टीका कंपनियों के साथ इस नई भागीदारी से सुनिश्चित होगा कि टीका तैयार होने पर ब्रिटेन के लोगों तक इसकी पहुंच हो। महत्वपूर्ण प्रायोगिक अध्ययन में भागीदारी कर हम जल्द से जल्द महामारी को खत्म करने के लिए टीके की तलाश के अभियान को गति देंगे।’’
समझौते के तहत कोविड-19 के तीन अलग-अलग टीकों तक ब्रिटेन सरकार की पहुंच होगी। इसके तहत जल्द से जल्द प्रभावी और सुरक्षित टीका ब्रिटेन को मिलेगा।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एड्रियन हिल ने कहा, ‘‘हम लगभग हर किसी में अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह टीका विशेष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली के दोनों पक्षों को मजबूत कर देता है।’’
हिल ने कहा कि एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने से जो परमाणु उत्पन्न होते हैं वो संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, इस टीके से शरीर की टी-कोशिकाओं में एक प्रतिक्रिया होती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि टीके की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने वाले बड़े परीक्षणों में ब्रिटेन के लगभग 10,000 लोगों के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के प्रतिभागी शामिल हैं। ये परीक्षण अभी बड़े पैमाने पर जारी हैं। अमेरिका में जल्द ही एक और बड़ा परीक्षण शुरू होने वाला है, जिसमें लगभग 30,000 लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
टीके की प्रभावशीलता का निर्धारण वैज्ञानिक कितनी जल्दी कर पाते हैं, यह बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि वहाँ कितना अधिक परीक्षण होता है, लेकिन हिल ने अनुमान लगाया कि उनके पास यह सुनिश्चित करने के लिए वर्ष के अंत तक पर्याप्त डेटा हो सकता है कि क्या टीके को सामूहिक टीकाकरण अभियानों के लिए अपनाया जाना चाहिए।
परीक्षण के पहले चरण के परिणाम 20 जुलाई को घोषित किए गए हैं, जबकि दूसरे चरण का परीक्षण ब्रिटेन में चल रहा है और ब्राजील में तीसरे चरण का परीक्षण भी हो रहा है।