फायज़र का 95 फीसदी कारगर कोरोना वैक्सीन बनाने का एलान, ट्रायल भी पूरा

Corona Vaccine Trial: फायजर के मुताबिक उसके पास वैक्सीन की सेफ्टी से जुड़े आंकड़े भी मौजूद हैं, जल्द ही सरकारी मंजूरी के लिए आवेदन करने का इरादा है

Updated: Nov 19, 2020, 01:42 AM IST

Photo Courtesy: Zee News
Photo Courtesy: Zee News

कोरोना महामारी से बचाव के लिए कारगर वैक्सीन का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। अमेरिका की कंपनी फायज़र ने आज दावा किया है कि उनकी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पूरो हो चुका है और अब वो बहुत जल्द इसे सरकारी मंजूरी दिलाने के लिए आवेदन करने जा रही है। कंपनी ने यह भी बताया है कि ट्रायल के अंतिम दौर में प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक उसकी वैक्सीन कोरोना महामारी को रोकने में पर 95 फीसदी सफल साबित हुई है।

कंपनी का कहना है ट्रायल के दौरान उनकी वैक्सीन ने हर उम्र और इलाके के लोगों में अच्छे नतीजे दिखाए हैं। साथ ही इसका कोई चिंताजनक साइड इफेक्ट भी सामने नहीं आया है। यहां तक कि 65 साल से ज़्यादा उम्र वाले लोगों में भी वैक्सीन 94 फीसदी प्रभावी रही है। कंपनी ने बताया कि उसके फाइनल ट्रायल में 43 हज़ार से ज़्यादा वॉलंटियर्स को शामिल किया गया था। इनमें से 170 लोगों में कोरोना इंफेक्शन पाया गया, जिनमें सिर्फ 8 ही ऐसे थे, जिन्हें वैक्सीन दी गई थी। बाकी 162 लोग वे थे जिन्हें प्लेसेबो यानी सिर्फ सलाइन इंजेक्शन दिया गया था। कंपनी ने ये दावा भी किया है कि उसके पास सेफ्टी अप्रूवल के लिए ज़रूरी दो महीने का डेटा भी मौजूद है। 

भारत में फायज़र की वैक्सीन के सामने चुनौती                

भारत में फायज़र की वैक्सीन के इस्तेमाल में एक बड़ी चुनौती सामने आ सकती है। दरअसल इस वैक्सीन को सामान्य फ्रीज़र में सिर्फ पांच दिन तक ही रखा जा सकता है। इसे लंबे समय तक रखने के लिए माइनस 70 डिग्री तापमान वाले डीप-फ्रीज़र की ज़रूरत पड़ती है। ऐेसे में भारत के ग्रामीण इलाकों में इसे संभालकर रखना एक बड़ी चुनौती हो सकती है।

मॉडर्ना ने भी किया है दावा

फायज़र के अलावा अमेरिका की एक और बायोटेक कंपनी मॉडर्ना भी दावा कर चुकी है कि उनकी कोविड वैक्‍सीन बड़े पैमाने पर किए गए तीसरे चरण के ट्रायल में 94.5 प्रतिशत असरदार साबित हुई है। मॉडर्ना की वैक्सीन को सामान्य रेफ्रिजरेटर के 2 से 8 डिग्री के तापमान पर करीब 30 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। जबकि फ्रीज़र में माइनस 20 डिग्री के तापमान पर यह वैक्सीन 6 महीने तक प्रभावी बनी रहेगी। ऐसे में भारतीय परिस्थियों में मॉडर्ना की वैक्सीन ज्यादा उम्मीद जगाने वाली मानी जा रही है।