Ren Zhiqiang: शी जिनपिंग को जोकर कहने वाले पूर्व व्यवसायी को 18 साल की कैद

China: रेन झिक्यांग नाम के पूर्व व्यवसायी ने कोरोना को लेकर की थी जिनपिंग की आलोचना, असहमति की आवाज़ को क्रूरता से दबा रही है चीन की सरकार

Updated: Sep 23, 2020, 01:49 AM IST

Photo Courtesy: The Guardian
Photo Courtesy: The Guardian

कोरोना वायरस को लेकर शी जिनपिंग की आलोचना करने वाले एक पूर्व रियल स्टेट टाइकून रेन झिक्यांग को 18 साल कैद की सजा सुनाई गई है। रेन को भ्रष्टाचार को दोषी पाते हुए एक अदालत ने उनके ऊपर 42 लाख युआन का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कहा कि रेन ने खुद ही अपना जुर्म कबूला है। हालांकि, सुनवाई शुरू होने से पहले ही सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आशंका जताई थी कि रेन को कड़ी सजा मिल सकती है क्योंकि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत दिखाई थी। 

फैसला आने के बाद मानवाधिकार समूहों ने राष्ट्रपति शी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर असहमति की आवाजों को दबाने का आरोप लगाया है। कोरोना वायरस के खिलाफ चीनी सरकार की अधूरी तैयारी की बात करते हुए रेन ने शी जिनपिंग को जोकर तक कह दिया था। इस टिप्पणी के बाद ही अप्रैल में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लग गए थे। अपनी टिप्पणी के तुरंत बाद ही रेन अचानक से गायब हो गए थे। यहां तक कि उनके नजदीकी दोस्तों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया था कि वे काफी समय से रेन से संपर्क नहीं कर पाए हैं। 

रेन ने कहा था कि कोरोना वायरस के खिलाफ चीनी सरकार की असमर्थता बताती है कि कम्युनिस्ट पार्टी आंतरिक संकट से जूझ रही है। रेन ने एक पुरानी कहावत का प्रयोग करते हुए कहा था कि इस कठिन समय में हमारे देश की बागडोर एक प्रबुद्ध राजा के हाथों में नहीं है, बल्कि एक ऐसे नंगे जोकर के हाथों में है जो खुद को राजा मानने पर अड़ा हुआ है। हालांकि, उन्होंने एक बार भी शी जिनपिंग का नाम नहीं लिया। लेकिन इसके बाद भी उनकी आलोचना शी जिनपिंग को नागवार गुजरी। 

Click: China is still MFN: मोदी सरकार के लिए चीन अब भी है मोस्ट फेवर्ड नेशन, क्या सिर्फ टिकटॉक पर रोक से काबू में आएगा ड्रैगन

ऐसा नहीं है कि रेन का यह बागी अंदाज कोई नया है। इससे पहले 2016 में भी उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। इसके बाद एक साल तक उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद कर दिया गया। सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोवर हैं। 

दरअसल, 2012 में शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद से चीनी सरकार ने आलोचना और असहमति पर पहरेदारी पहले के मुकाबले कहीं अधिक बढ़ा दी है। शी के अब तक के शासनकाल में सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता और वकील जेल में डाले जा चुके हैं।