Economic recession: दो दशक की सबसे भीषण मंदी की ओर सिंगापुर

देश की जीडीपी में इस साल 4 से 7 फीसदी की गिरावट आ सकती है.

Publish: May 28, 2020, 02:53 AM IST

Photo: Swaraj Express
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सिंगापुर करीब दो दशक की सबसे भीषण मंदी की ओर बढ़ रहा है। कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। व्यापार और उद्योग मंत्रालय के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में इस साल 4 से 7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। यह पहले के 1 से 4 प्रतिशत की गिरावट के अनुमान से ज्यादा बड़ी होगी। देश में अब तक 32,343 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।

समाचार चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर में 2001 में जीडीपी वृद्धि दर में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वर्ष 1998 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद यह सबसे बड़ी मंदी है। उस समय अर्थव्यवस्था में 2.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि विदेशी कामगारों में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैलने से कार्यबल की कमी के कारण निर्माण, समुद्री और अपतटीय इंजीनियिरंग क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। संक्रमण उन विदेशी कामगारों में तेजी से फैला है जो ‘डॉरमिटरी’ (एक ही कमरे में कई लोगों के लिये बने सोने की जगह) में रहते हैं।

सिंगापुर में 26 मई को विदेशी कामगारों में संक्रमण के 383 नए मामले आए। इसमें मात्र एक मरीज सिंगापुर का नागरिक या स्थाई निवासी है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 32,343 पहुंच गई है।

समाचार चैनल की रिपोर्ट के अनुसार तीन महीने से कुछ अधिक समय में यह तीसरा मौका है, जब जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट और इसके शून्य से नीचे जाने का अनुमान जताया गया है। इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने उम्मीद से कहीं भयवाह मंदी आने को लेकर चेतावनी दी थी।

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व्यापार ओर उद्योग मंत्रालय ने कहा कि संगापुर के लिये बाहरी मांग परिदृश्य में गिरावट को देखते हुए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को और घटा दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वृद्धि दर में गिरावट के अनुमान के बाद भी कोविड-19 को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है। इसको लेकर वैश्विक और सिंगापुर अर्थव्यवस्था में आर्थिक पुनरूद्धार को लेकर कुछ ठोस नहीं कहा जा सकता।

उद्योग मंत्रालय ने कहा कि उसके आकलन में अमेरिका और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में महामारी के कारण जिस रूप से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, वह अनुमान से कहीं व्यापक है।